धमतरी- अपनी लाइफ में एक बार गोवा जाने का मन सबका होता है चाहे वो बच्चा हो या बड़ा। गोवा में समुद्र के किनारे लगी रेत पर छतरीयां, पानी में मोटरबोट का आनंद यह सपना सभी का होता है। अगर आप भी गोवा जाना चाहते हैं तो अब आपको छत्तीसगढ़ से बाहर जाने की जरूरत नही है। धमतरी स्थित गंगरेल बांध के दूसरे किनारे पर गोवा की तर्ज पर रिसॉर्ट बनाया गया हैं जहां आप गोवा का आनंद ले सकते हैं।
धमतरी राजधानी रायुपर से मात्र 80 किमी दूर है। गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बांध में से एक है जहां हर साल मानसून के वक्त बहुत से सैलानी आते हैं। यहां बना मिनी गोवा इस वक्त लोगों की आकर्षण का केन्द्र है। जहां घुमने के साथ-साथ आप बॉटर स्पोट्र्स का भी आनंद उठा सकते हैं।
सिरपुर- अगर आप नेचर लवर है तो आपके लिए बेस्ट प्लेस है सिरपुर। चारो ओर हरियाली के बीच में ऐतिहासिक मंदिर। अगर आप अपनी फैमिली के साथ सुकुन भरा दिन बिताना चाहते हैं तो आपको यह जगह जरूर पसंद आएगी। सिरपुर महानदी के तट पर बसा है सिरपुर को श्रीपुर के नाम से भी जाना जाता था।
सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और यहां के घने जंगल यहां का प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। इसके अलावा यहां बौद्ध मठ और धरकुस का झरना भी देखने लायक जगह है। सिरपुर छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
जतमई-घटारानी – अगर हम मानसून में घूमने लायक पर्यटन स्थलों की बात कर रहें है और हम जतमई- घटारानी की बात न करें तो प्रकृति बुरा मान जाएगी। गरियाबंद रोड पर यह डेस्टिनेशन स्थित है। जहां जतमई पहाड़ी से गिरता नेचुरल वॉटरफाल आकर्षण का केन्द्र है। मानसून के शुरू होते ही यह झरना अपनी प्राकृतिक सुंदरता की छटा बिखेरने लगता है।
हर साल यहां मानसून के वक्त हजारों सैलानी उमड़ पड़ते हैं। झरने के अलावा जतगई माता का मंदिर यहां का आकर्षण का केन्द्र है। चारों ओर हरियाली और पहाडों के बीच बसा मंदिर बहुत ही खुबसुरत लगता है। यह रायपुर से 77 किमी की दूरी पर स्थित है।
भोरमदेव – अगर आप नेचर लवर हैं तो आपके लिए दुसरी सबसे अच्छी जगह है भोरमदेव। छत्तीसगढ़ का खजूराहो कहा जाने वाला भोरमदेव मंदिर चारो ओर पहाड़ो और घने जंगलों से घिरा हुआ है। यह मंदिर कवर्धा से 18 किमी दूर मैकाल पर्वत श्रेणी और प्रकृति की सुंदरता के बीच बसा है।
मानसून के समय पहाड़ो और घने जंगल के बीच यह मंदिर अपनी अगल सुंदरता बिखेरता है। यहां मानसून के वक्त सैलानियों की संख्या बढ़ जाती है। भोरमदेव के अलावा यहां मंडवा महल व छेरकी महल भी देखने लायक स्थान है।
चित्रकोट – हम मानसून के वक्त घुमने जाने की बात करें और वॉटरफाल का नाम न लें ये हो ही नही सकता। चित्रकोट जलप्रपात को छत्तीसगढ़ का नाइग्रा फाल कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे चौड़ा झरना है। यह जलप्रपात जगदलपुर से 38 किमी दूर है। घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण यहां मानसून के वक्त आना धरती पर स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है। यहां हर वर्ष बारिश के मौसम में सैलानियों की भीड़ उमड़ जाती है।