सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की एक बच्ची के ट्यूमर से पीड़ित होने पर प्रियंका ने दिल्ली के एम्स में इलाज के आदेश दिए
प्रियंका ने की ट्यूमर पीड़ित बच्ची की मदद, इलाज के लिए चार्टेड विमान से भेजा दिल्ली
रायबरेली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की एक बच्ची के ट्यूमर से पीड़ित होने पर प्रियंका ने दिल्ली के एम्स में इलाज के आदेश दिए। दरअसल, प्रयागराज में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका को कमला नेहरू अस्पताल में ट्यूमर पीडि़त बच्ची के होने की खबर मिली। यह बच्ची रायबरेली की रहने वाली है। प्रयागराज में इलाज करा रही बच्ची की हालत गंभीर होने पर चार्टर्ड प्लेन से उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराने का आदेश प्रियंका ने दिया।
रायबरेली के सलवन निवासी रतिपाल की बेटी अंशू ट्यूमर पीड़ित है। इलाज के लिए परिजनों ने उसे प्रयागराज के कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। माली हालत कमजोर होने के नाते परिजनों के पास इलाज के ज्यादा पैसे नहीं थे। आर्थिक रूप से कमजोर परिजनों ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मदद ली। मामला संज्ञान में आते ही प्रियंका तुरंत बच्ची की मदद के लिए आगे आईं। उन्होंने इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शुक्ला के चुनाव प्रचार करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला, गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल व पूर्व सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन को तत्काल प्रभाव से ट्यूमर से पीडि़त बच्ची को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज कराने का आदेश दिया। आनन-फानन में प्रचार छोड़ कांग्रेस नेता निजी विमान से बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली, एम्स ले गए।
परिवार समेत बच्ची को दिल्ली ले गए पीड़ित बच्ची अंशू को परिवार समेत इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया। निजी विमान छह सीटर होने की वजह से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने पीड़ित बच्ची अंशू और माता पिता के साथ मो.अजहरुद्दीन और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को भेजा। हार्दिक पटेल ने बताया कि प्रियंका के निर्देश पर वह बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली के एम्स लेकर आया गया है। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पहले भी की है मदद यह पहला मौका नहीं है जब प्रियंका ने संकट में फंसे किसी व्यक्ति की मदद की हो। इससे पहले भी प्रियंका ने जरूरतमंद की मदद की है। फरवरी माह में उन्होंने दिल्ली के एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले 22 वर्षीय आशीष नाम के दिव्यांग की मदद की थी। वे उसके घर पहुंचकर उससे मुलाकात की थीं।