एफआईआर के अनुसार इस जमीन से वाड्रा की दोनों कंपनियों को करीब पांच हजार करोड़ रुपए का फायदा हरियाणा के तत्कालीन सीएम हुड्डा ने दिलाया था। इसके अलावा ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज पर भी मामले में वाड्रा के शामिल होने के आरोप हैं। इसके अतिरिक्त इन कंपनियों के जो लाइसेंस दिखाए गए, उनमें भी अनियमितताएं पाई गई हैं। वाड्रा व भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एक और FIR दर्ज होने पर सियासी घमासान शुरू हो गया है।
एफआईआर दुर्भार्ग्यपूर्ण
वाड्रा के खिलाफ एफआईआर से तिलमिलाई कांग्रेस ने बीजेपी पर करारा हमला बोला है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख भाजपा सरकार इस मामले में कार्रवाई कर रही है। यह मामला पिछले साढ़े चार साल का है और अब एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या सारी अकल सरकार के पास ही है? क्या लोग इस बात को नहीं समझते हैं? उन्होंने कहा कि जनता भलीभांति सब समझती है। वर्तमान सरकार विपक्ष को खत्म कर देना चाहती है। यह सरकार डराकर और धमकाकर राजनीति करना चाहती है। यह सरकार हिंदुस्तान को पाकिस्तान बना देना चाहती है।
कांग्रेस के बयान पर भाजपा नेता नलिन कोहली ने पलटवार किया है। राशिद अल्वी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन मामले में इनकी बात को सुनकर मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं हंसूं या फिर रोऊं? 1970 के दशक में देश में आपातकाल लगा दिया गया था और कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी दलों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था। सबके संवैधानिक अधिकारों को नजरअंदाज कर दिया गया था। उन्होंने सवाल किया कि आपातकाल के दौरान जब सभी दलों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था, तब राशिद रिजवी कहां थे? क्या इनको पता नहीं है कि उस समय जो हुआ था?
आपको बता दें कि गुरुग्राम जमीन धोखाधड़ी मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक मामले में 350 एकड़ जमीन 58 करोड़ रुपये में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी डीएलएफ और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को आवंटित की गई थी। इस जमीन का आवंटन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के जरिए किया गया था। हुड्डा उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। अब वाड्रा ने दर्ज एफआईआर को मोदी सरकार को चुनावी स्टंट करार दिया है। हरियाणा के गुरुग्राम के खेड़कीदौला में जमीन खरीद मामले में रॉबर्ट वाड्रा व भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एक और FIR दर्ज की गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपने राजनीतिक रसूख और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलीभगत करके धोखाधड़ी को अंजाम दिया।