कोविंद यहां सेना के इन्फेन्ट्री रेजिमेंट लद्दाख स्काउट के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस रेजिमेंट के कुल 5 में से हर बटालियन में 900 सैनिक हैं। कारगिल जंग में पराक्रम दिखाने के बाद 2001 में इसे नियमित आर्मी रेजिमेंट का दर्जा मिला था। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने कहा है कि कोविंद का दौरा एक दिवसीय होगा। बता दें कि हाल ही में इस इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने उन्हें वापस पीछे ढकेल दिया था।
गौरतलब है कि भारत और चीनी सेना के बीच पिछले दो महीने से डोकलाम में तनातनी चल रही है। चीनी सेना ने इस इलाके में सड़क बनाने की कोशिश की थी, जिसके बाद भारतीय सेना ने मौके पर पहुंचकर उनका काम रुकवा दिया था। भारत डोकलाम मसले के शांतिपूर्ण समाधान की बात लगातार कह रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इस मुद्दे का समाधान बातचीत से ही हो सकता है। उधर, चीनी मीडिया और उसकी सेना के अधिकारी लगातार युद्ध की धमकी वाले बयान दे रहे हैं। इस बीच, जापान ने इस मुद्दे पर भारत को समर्थन देते हुए कहा है कि पूर्व की स्थिति को बदलने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।