महबूबा मुफ्ती ने कहा- छात्रों की आवाज दबाना अच्छा नहीं
सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि छात्रों को अपने साथी को याद करने का पूरा हक है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा,’ छात्रों की आवाज दबाने के परिणाम अच्छे नहीं होंगे, छात्रों पर से केस वापस लिए जाने पर केंद्र हस्तक्षेप करे और एएमयू प्रशासन उनका निलंबन वापस ले। जम्मू-कश्मीर के बाहर की राज्य सरकारों को स्थिती पर संवेदनशील होना चाहिए, ताकि इनके अलगाव को रोका जा सके। महबूबा मुफ्ती ने आगे लिखा, ‘छात्रों को अपने सहपाठी जो कि कश्मीर में लगातार हिंसा का पीड़ित हो, उसे याद करने के लिए सजा देना गलत होगा।’
ओवैसी ने भी देशविरोधी नारे लगाने वाले छात्रों का किया बचाव
आपको बता दें कि इससे पहले AIMIM के चीफ असददुद्दीन ओवैसी ने भी AMU के उन छात्रों का समर्थन किया, जिन्होंने कैंपस में देशविरोधी नारेबाजी की थी। ओवैसी ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में कश्मीरी छात्रों ने आजादी के नारे नहीं लगाए थे। ओवैसी ने उस खबर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था, जिसमें कहा गया था कि AMU में विवाद के बाद 1200 कश्मीरी छात्र अपने घरों को लौट रहे हैं। इसको लेकर ओवैसी ने कहा है कि सरकार इसके पुख्ता इंतजाम करने चाहिए कि कश्मीरी छात्र विश्वविद्यालय छोड़ कर न जाएं।
AMU का पीएचडी स्कॉलर था मन्नान वानी
आपको बता दें कि मन्नान वानी AMU का पीएचडी स्कॉलर था, जिसे कुछ दिन पहले आर्मी ने घाटी में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था। मन्नान के मारे जाने के बाद एएमयू कैंपस में आजादी के नारे लगे और इस तरह की खबरें आने लगीं कि 1200 कश्मीरी छात्र एएमयू से वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सियासत शुरू हो गई थी।