प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने सीएम पद के लिए पेश की दावेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री पद के लिए परोक्ष रूप से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में दलित, पिछड़े और दूसरे वंचित वर्गों की यह अकांक्षा है कि अगला मुख्यमंत्री उनके बीच से बने। हालांकि अशोक तंवर ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के बारे में फैसला करने का अधिकार कांग्रेस नेतृत्व पर छोड़ दिया है। लेकिन साथ ही कहा कि अगले साल प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बिना किसी चेहरे के जनता के बीच जाना चाहिए और चुनाव में जीत के बाद जनभावनाओं के अनुसार मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का फैसला किया जाना चाहिए।
दलित और पिछड़े वर्ग से होना चाहिए सीएम उम्मीदवार
अशोक तंवर का कहना है, ‘राहुल गांधी जी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री की बात आए तो पांच-सात विकल्प होने चाहिए, विधायक और सांसद बनने की बात आए तब भी कई विकल्प होने चाहिए, अलग-अलग वर्गों से हमारे पास विकल्प होने चाहिए। जब अशोक तंवर से मुख्यमंत्री पद के दौड़ में शामिल होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी दावेदारी क्यों खारिज करूं? राहुल जी ने कठिन समय में मुझे अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। हरियाणा के दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों की यह अकांक्षा और सपना है कि मुख्यमंत्री उनके बीच से हो, इसी भावना के साथ लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं।
अशोक तंवर ने कहा कि जिस राज्य में हम विपक्ष में होते हैं, वहां हम अमूमन बिना सीएम के चेहरे के चुनावों में जाते हैं और फिर जनता हमारे उपर विश्वास करती है। इसके बाद हम जनता और विधायकों की सहमति से अगला मुख्यमंत्री चुनते हैं।