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2019 लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग, चुनाव आयोग से मिलेंगे 17 राजनीतिक दल

17 राजनातिक पार्टियां अगला लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग को लेकर जल्द ही चुनाव आयोग से मिलने की तैयारी में हैं।

Aug 02, 2018 / 07:57 pm

Chandra Prakash

opposition alliance

2019 लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग, चुनाव आयोग से मिलेंगे 17 राजनीतिक दल

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार को 2019 लोकसभा चुनाव में सत्ता से बाहर करने के लिए जहां विपक्षी पार्टियां महागबंधन को मजबूत करने में जुटी हैं, वहीं अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के स्थान पर बैलेट पेपर यानि मतपत्र से कराने की मांग तेज हो रही है। इसी को लेकर 17 राजनीतिक दलों के नेता जल्द ही चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले हैं।

दिल्ली आई ममता ने उठाई मांग

सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे पर वक्त तमात विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात के दौरान यह बात उठाई थी। अब इस मसले पर जल्द ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक होगी। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा।

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बैलेट पेपर पर ये दल हुए एकजुट

मतपत्र से वोट की मांग करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, एनसीपी, राजद, आप, वायएसआर, डीएमके, जद-एस, तेदेपा, केरल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, तृणमूल और आइयूएमएल मतपत्र से चुनाव की मांग कर चुकी हैं। ये सभी दल आयोग से मिल सकते हैं।

शिवसेना भी बैलेट पेपर को तैयार

एनडीए के सहयोगी दलों को भी विपक्षी अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। वो चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए और पार्टियों को भी साथ लाने की कोशिश में लगे हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि एनडीए की सहयोगी शिवसेना भी मतपत्र से चुनाव की मांग कर चुकी है और वो इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ है।

मतपत्र का खारिज कर चुका है चुनाव आयोग

बता दें कि हाल ही में देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने चुनावों के लिए बैलेट पेपर को वापस लाने की सभी संभावनाओं को खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, क्योंकि मशीनें बोल नहीं सकतीं और राजनीतिक दलों को अपनी हार के लिए किसी न किसी को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत होती है। रावत ने कहा कि प्रणाली की ईमानदारी के बारे में वास्तव में कुछ भी नहीं है..हालांकि जब भी इस मुद्दे पर सवाल उठते हैं, हम स्पष्टीकरण देते हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत में मुक्त व निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया ने विश्व को प्रभावित किया है।

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