पीलीभीत से अंतिम सांस तक बताया रिश्ता
वरुण गांधी ने अपने पत्र के माध्यम से मां मेनका गांधी के साथ पहली बार पीलीभीत आने की यादों का उल्लेख किया है। वरुण का यह लेटर इमोशनल मोमेंट्स पर केंद्रित रहा। पूरे लेटर में उन्होंने कहीं बीजेपी का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने यहां तक कहा दिया कि पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘सांसद के तौर पर नहीं तो बेटे के तौर पर ही सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरे दरवाजे आपके लिए पहले जैसे ही खुले रहेंगे।’’
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वरुण की बीजेपी के लिए चुप्पी ने एक बार फिर से राजनीतिज्ञों के मन में बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन बीते दिनों उनकी मां मेनका गांधी ने इन सभी कयासों पर विराम लगाते हुए इसे अफवाह बता दिया था।