एसबीआई के लीड बैंक अधिकारी एम.एल. मेघवाल ने बताया कि कुछ बैंक अपने एजेंट भी नियुक्त करती है। इसके लिए उन्हें एक कोड संख्या भी दी जाती है। जिनका काम होता है कि ऋण लेने आने वाले व्यक्ति से सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर बैंक में फाइल लाए। उस आधार पर बैंक ऋण करता है। इसके लिए एजेंट को बैंक की ओर से निर्धारित कमीशन दिया जाता है। अगर कोई व्यक्ति जो खुद को बैंक एजेंट बताता है और ऋण लेने आने वाले व्यक्ति से भी रुपए लेता है तो गलत है।
रिपोर्टर – भाई साहब नमस्कार।
एजेंट – हॉ बोल।
रिपोर्टर – लोन लेना है।
एजेंट – होम लोन, मोरगेज लोन या पर्सनल लोन।
रिपोर्टर – होम लोन।
एजेंट – आकर मिले या मुझे अपना पता दे में आकर मिलता हूं।
रिपोर्टर – आप की फीस कितनी लगेगी।
एजेंट – वो देख लेंगे, मिलो, भूखण्ड बताओ।
रिपोर्टर – ओके
एजेंट – वैसे आपको ऋण कितना चाहिए और भूखण्ड कौनसे मोहल्ले में है।
रिपोर्टर – ठीक है सर मैं आपसे मिलता हूं। वैसे एक बार बता दे कितनी फीस लेंगे।
एजेंट – स्वीकृत ऋण राशि का दो प्रतिशत। फाइल चार्ज आदि इसमें शामिल है।
रिपोर्टर – भाई साहब नमस्कार।
एजेंट – हां नमस्कार, कौन बोल रहे है।
रिपोर्टर – जी सर, लोन लेना था।
एजेंट – ठीक है कल सुबह ऑफिस आए।
रिपोर्टर – होम लोन लेना है, कौनसे बैंक से दिलाओगे।
एजेंट – किसी भी बैंक से दिलवा दूंगा।
रिपोर्टर – ब्याज दर कितनी लगेगी।
एजेंट – होम लोन के लिए एक रुपए से भी कम ब्याज दर लगेगी।
रिपोर्टर – भाई साहब, आपकी फीस कितनी रहेगी।
एजेंट – आप कल ऑफिस आए। वही बैठकर बात करेंगे।
रिपोर्टर – ऑफिस कहां है सर।
एजेंट – अम्बेडकर सर्किल की तरफ जाने वाले मार्ग पर है।
रिपोर्टर – ठीक भाई साहब, कल आता हूं।
बैंक की एक शाखा के मैनेजर द्वारा बिना मकान बने ही 12 से अधिक लोगों को ऋण की पूरी राशि जारी करने के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है। समिति की रिपोर्ट के बाद दोषी बैंककर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -प्रशांत कल्ला, एमडी पाली सैंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पाली