कलश यात्रा के साथ श्री जलाराम चरित्र कथा प्रारंभ
बालाघाटPublished: Sep 06, 2018 05:25:43 pm
गुजराती समाजवाड़ी में कच्छ गुर्जर क्षत्रिय महिला मंडल व गुजराती समाज द्वारा तीन दिवसीय श्री जलाराम चरित्र कथा का शुभारंभ ५ सितम्बर को हुआ।
कलश यात्रा के साथ श्री जलाराम चरित्र कथा प्रारंभ
बालाघाट. नगर के श्री गुजराती समाजवाड़ी में भक्तिमय वातावरण में कच्छ गुर्जर क्षत्रिय महिला मंडल व गुजराती समाज द्वारा तीन दिवसीय श्री जलाराम चरित्र कथा का शुभारंभ ५ सितम्बर को हुआ। इस अवसर पर नगर के गोंदिया रोड स्थित नए श्रीराममंदिर से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। जो बाजे-गाजे के साथ गुजराती समाजवाड़ी भवन पहुंच संपन्न हुई । इस कलश यात्रा में महिलाओं ने पोथी व कलश धारण कर पारंपरिक गरबा रास किया। ये कलश शोभा यात्रा नगर में आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा में छत्तीसगढ़ के भिलाई से पधारे भागवत कथावाचक उमेश भाई जानी को रथ में बैठा स्वागत किया गया। कथा स्थल कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज भवन में शोभायात्रा का भव्य स्वागत कर कथा प्रारम्भ की गई ।
मानव जीवन में सत्कर्मो का बड़ा महत्व है
इस अवसर पर उपस्थितजनों को उमेशभाई जानी ने श्री जलाराम बापा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री जलाराम बापा ने जीवन भर सदैव दीन दुखियों की सेवा की और उन्हें भोजन कराया। अन्नदान की एक विशेषता है कि सामने वाला व्यक्ति भूखा होना चाहिए। मानव जीवन में सत्कर्मो का बड़ा महत्व है। हमारे अच्छे कर्म ही हमें जीवन में बड़े काम आते हैं। कथा पश्चात् महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया।
कथा का समापन आज
गुजरात के वीरपुर के जलाराम बापा का जन्मोत्सव पर चरित्रकथा का संगीतमय कथावाचन किया जा रहा है। हर रोज गुजराती समाजवाड़ी में दोपहर ३ बजे से शाम ७ बजे तक कथावाचन किया जा रहा है। ७ सितम्बर को दोपहर ३ बजे से गुरूदीक्षा, अन्नदान, भगवान श्रीराम दर्शन एवं जलाराम बापा की मानता के अनुसार स्वर्ग प्रयाण की विस्तृत चरित्रकथा वाचन किया जाएंगा। तत्पश्चात रात्रि में महाप्रसाद सामूहिक भोज का आयोजन रखा गया है।
ये रहे शामिल
इस अवसर पर गुजराती समाज के सक्रिय समाजसेवी राजेश भाई चावड़ा सहित महिला मंडल के पदाधिकारी अमृताबेन चावड़ा, निशाबेन टांक, ज्योतिबेन राठौड़, ज्योत्सनाबेन राठौड़, चंदनबेन यादव, रीताबेन बेगड़, नेहाबेन बेगड़, गीताबेन परमार, मीराबेन पटेल, हंसाबेन टांक, अंजूबेन गांधी, सोनलबेन जेठवा, संगीताबेन चावड़ा, काजलबेन चावड़ा, सुधाबेन चावड़ा, दर्शाबेन परमार, गीतिकाबेन जेठवा, पूनमबेन चौहान, सरिताबेन टांक, किरणबेन चौहान व अन्य स्वजातीयजन शामिल रहे।