मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया का बयान आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जाट आरक्षण को लेकर दिए गए बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है। जाट आरक्षण को लेकर वर्ष 2014 से ही उत्तर प्रदेश में आंदोलन होते रहे हैं। प्रदेश में जाट बेल्ट कही जाने वाली पश्चिम यूपी के 17 जिले इस बिरादरी से प्रभावित होते हैं। भाजपा सरकार ने मई 2018 में जाट आरक्षण को लेकर एक कमेटी का गठन किया था। इसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। लोकसभा चुनाव से पवहले भाजपा ने जाट आरक्षण को लेकर यह दांव खेला है। उत्तर प्रदेश की करीब 17 लोकसभा सीटें इनके वोटों से प्रभावित होती हैं।
मुरादाबाद से शुरू करेंगे अभियान जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक का कहना है कि उन्हें भाजपा सरकार के इस वादे पर यकीन नहीं हैं। वे 21 सितंबर दिन शुक्रवार से मुरादाबाद से एक जन जागरण अभियान शुरू करेंगे। इसके तहत वे अपनी तीन मांगें सरकार के सामने रखेंगे। इनमें जाटों का आरक्षण देना अौर हरियाणा के जाटों को न्याय देना भी शामिल है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका अभियान जारी रहेगा। इसके तहत 4 नवंबर को बिजनौर और 1 दिसंबर को अलीगढ़ में जन जागरण रैली होगी। हर 15 दिन में एक जिले इस तरह से सिलसिलेवार जनजागरण रैली होगी।
कैराना जैसे हालात नहीं चाहती भाजपा वहीं, भारतीय किसान जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह का कहना है कि भाजपा अगर जाटों का हित चाहती है तो फौरन आरक्षण देने का ऐलान कर दें। भाजपा नहीं चाहती कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कैराना जैसी हालत हो। भारतीय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरबीर सिंह ने कहा कि भाजपा जाटों को आरक्षण देने की बात कर रही है। यह सब झूठ है। उन्होंने तो केंद्र में आरक्षण हटवा दिया है। यह वादा करना भाजपा की मजबूरी है। ग्रामीणों ने जाट सांसदों और विधायकों को गांवों में न घुसने देने का ऐलान किया हुआ है।