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घर-घर पूजन, गूंजे गीत, निकली सवारी

धुलंड़ी के दिन से चल रहा 34 दिवसीय गणगौर पूजन उत्सव शनिवार को संपन्न हो गया। पूजन उत्सव के आखिरी चरण में धींगा गवर पूजन की पूर्णाहुति हुई। घर-घर में दीवारों पर चित्रित धींगा गवर की अनुकृति की पूजा-अर्चना कर आरती की गई व कथा सुनी। महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजन कर विभिन्न खाद्य […]

बीकानेरApr 27, 2024 / 11:41 pm

Vimal

धुलंड़ी के दिन से चल रहा 34 दिवसीय गणगौर पूजन उत्सव शनिवार को संपन्न हो गया। पूजन उत्सव के आखिरी चरण में धींगा गवर पूजन की पूर्णाहुति हुई। घर-घर में दीवारों पर चित्रित धींगा गवर की अनुकृति की पूजा-अर्चना कर आरती की गई व कथा सुनी। महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजन कर विभिन्न खाद्य सामग्री का भोग अर्पित किया। घर-घर में उत्सव मनाया गया। गणगौर प्रतिमाओं को पानी पिलाने, खोळा भरने की रस्म हुई। महिलाओं ने गणगौर प्रतिमा के समक्ष पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए। धींगा गणगौर की प्रतिमाओं को घरों से बाहर चौकियों, पाटों, चौक-चौराहों पर विराजित कर उनकी पूजा-अर्चना की गई। देर रात तक गणगौर प्रतिमाओं के दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा। पुरुषों की गायन मंडलियों की ओर से गणगौरी गीतों का गायन किया गया।
एक पखवाड़े से पूजन

धींगा गवर पूजन उत्सव की पूर्णाहुति पर घर-घर में पूजा-अर्चना हुई। पिछले एक पखवाड़े से चल रहे धींगा गवर पूजन की पूर्णाहुति पर धींगा गवर के मीठा चणा, फीका चणा, बीज, मोटा भुजिया, पताशा, मिठाइयां, नमकीन इत्यादि का भोग अर्पित किया गया। रोटे का विशेष भोग लगाया गया। धींगा गवर का पूजन करने वाली महिलाओं ने व्रत-पूजन किया। पूजन के बाद व्रत का पारणा किया।
खोळ भराई की रस्म

धींगा गवर पूजन उत्सव की पूर्णाहुति पर घर-घर में गणगौर के पारंपरिक गीतों की गूंज रही। महिलाओं ने गणगौर के पारंपरिक गीतों का गायन किया। रात तक गणगौर प्रतिमाओं के आगे नृत्यों का क्रम चलता रहा। बालिकाओं व महिलाओं ने गणगौर प्रतिमाओं के आगे नृत्य प्रस्तुत किए। गणगौर प्रतिमाओं की सवारी निकाली गई। गवर के खोळा भरने की रस्म हुई।
जूनागढ़ में भरेगा मेला

गणगौर पूजन उत्सव की पूर्णाहुति पर रविवार को जूनागढ़ में मेला भरेगा। जूनागढ़ पहुंचने वाली गणगौर प्रतिमाओं के खोळा भरने की रस्म होगी। मिठाई, श्रीफल और नगद राशि से खोळा भरा जाएगा। बड़ी संख्या में महिलाएं गणगौर प्रतिमाओं का दमेदा, पताशा, मिश्री, मिठाइयां, श्रीफल, ऋतुफल, नगद राशि से खोळा भरेगी। सुहाग सामग्री, मेहंदी इत्यादि अर्पित कर गवर को धोती ओढ़ाने की रस्म निभाई जाएगी। बारह गुवाड़ चौक में पापा महाराज ओझा की धींगा गवर प्रतिमा का पूजन उत्सव होगा।

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