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एक ऐसा स्कूल जहां बच्चे केवल जाते हैं घूमने

एक शिक्षक के भरोसे संवर रहा 220 बच्चों का भविष्य,चचोर संकुल में शासकीय स्कूलों का हाल बेहाल,शामावि चचोर में पढ़ाई-लिखाई ठप

नीमचJul 18, 2017 / 11:48 pm

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प्रकाश एस जैन, नीमच/कुकड़ेश्वर/चचोर/रतलाम। गांव चचोर संकुल में शासकीय स्कूलों का हाल बेहाल है। एक तो स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी तो कहीं विद्यार्थियों की तुनला में नाममात्र शिक्षक। शासकीय स्कूलों की इतनी दयनीय स्थिति के चलते स्कूल चलो अभियान सिर्फ नाम का रह गया है। इस ओर शिक्षा विभाग का कोई ध्यान नहीं।


मामला गांव चचोर का है जहां शाउमावि चचोर संकुल में करीब 30 स्कूल संचालित हैं। इसमें अरनिया ढाणी, सेटेलाइट लोटवास ढाणी, नई आबादी देवरान के शासकीय स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। वहां पर संकूल द्वारा शिक्षकों की कमी के बावजूद भी अन्य शासकीय स्कूलों से एक-एक शिक्षक की व्यवस्था कर स्कूल केवल खोलने और बंद करने की व्यवस्था कर रखी है।


एक शिक्षक के भरोसे बच्चों का भाग्य

गांव चचोर स्कूल परिसर में संचालित शामावि चचोर में 220 बच्चों के ऊपर मात्र एक शिक्षक हैं। वे भी दिनभर प्रवेश, स्कूली कागजी कार्यवाही के साथ गैर शैक्षणिक कार्य बीएलओ के कार्य में उलझे रहते हैं। ऊपर से अधिक बच्चों के चलते प्रति कक्षा छठी से आठवीं में अ व ब सेक्सन ने विभाजित है। इसके चलते 6 कमरों की कक्षाओ में केवल एक शिक्षक किस प्रकार से बच्चों को पढ़ाएंगे यह समझ से परे है। आरटीई के नियम अनुसार बच्चों की इतनी सख्या के आधार पर कम से कम 7 से 8 शिक्षक होने चाहिए।


गैर शैक्षणिक कार्य भी करता हूं
इस विषय में जब हमारी बात शामावि चचोर के प्रभारी प्रधानाचार्य सुरेश चौहान से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि हमारे स्कूल में एक शिक्षिका प्रसूति अवकाश पर हैं। मैं बच्चों के प्रवेश, पुस्तके वितरण इत्यादि स्कूली कार्य हैं इसमें व्यस्त रहता हुए भी गैर शैक्षणिक कार्य बीएलओ का कार्य फोटो नामवली में भी लगा हुआ हूं। बच्चों की संख्या हमारे यहां 6-7 सालों से 250 के आसपास ही रहती है। शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके लिए मैने स्कूल केंद्र चचोर को भी लिखित में अवगत कराया, लेकिन उन्होंने हमारे स्कूल की इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।


बंद कर देना चाहिए ऐसे स्कूल

अभिभावक पप्पू पठान ने बताया में अपनी बच्चियों को नियमित रूप से स्कूल भेज रहा हूं। बच्चों की पढ़ाई लिखाई में काफी लगन है, लेकिन स्कूल मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप पड़ी है। शिक्षा विभाग को ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करनी चाहिए या ऐसे स्कूल बंद कर देना चाहिए ताकि आम जनता शासकीय स्कूलों के भरोसे अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ खिलवाड़ होने से बचे।


आवेदन आगे भेज देंगे

जिन शासकीय स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं वहां हमने अन्य शासकीय स्कूलों के शिक्षकों की व्यवस्था कर स्कूल का कार्य संचालित करा रखा है। चचोर माध्यमिक विद्यालय में मात्रएक ही शिक्षक है। वहां शिक्षकों की व्यवस्था के विषय में हमें आवेदन मिला है इसे हम आगे भेज देंगे। इसके अतिरिक्त हम और क्या कर सकते हैं।
– हेमराज शर्मा, संकुल प्रभारी प्राचार्य

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