नहीं होती किसी प्रकार की क्रूरता
दिनभर चली आम सभा के दौरान मंच पर उपस्थित करीब 50 से अधिक वक्ताओं ने कहा कि संबोधित करते हुए कहा कि तांगा दौड़ में घोड़ों के साथ किसी प्रकार की क्रूरता नहीं होती, बल्कि घोड़ों का उपयोग केवल दौड़ाने के लिए ही होता है, इसलिए यदि तांगा दौड़ की अनुमति नहीं मिली तो 31 अगस्त को खरनाल में आयोजित होने वाले वीर तेजाजी के मेले के दौरान जबरदस्ती दौड़ करवाई जाएगी। आम सभा को अखिल भारतीय वीर तेजा जन्मस्थली संस्थान के अध्यक्ष सुखराम खुड़खुडि़या, खींवसर विधायक, मूण्डवा के प्रधान राजेन्द्र फिड़ौदा, आदर्श जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी, जायल के पूर्व प्रधान रिद्धकरण लोमरोड़, मेड़ता के पूर्व प्रधान कैलश मंडा, पूर्व जिला परिषद सदस्य बस्तीराम मेघवाल आदि ने संबोधित किया।
किसान कौम को कमजोर करने की साजिश
मूण्डवा प्रधान राजेन्द्र फिड़ौदा ने कहा कि पहले बछड़ों के परिवहन पर, फिर ऊंटों को बाहर ले जाने पर और अब घोड़ों की दौड़ पर रोक लगाकर सरकार किसान कौम को कमजोर करने की साजिश कर रही है। जायल के पूर्व प्रधान लोमरोड़ ने जनरल डायर व उधमसिंह का उदाहरण देते हुए युवाओं से कहा कि आप सब उधमसिंह हो, इसलिए वैसा ही काम करो, ताकि आने वाली पीढि़यां याद करें।
आईबी के पूर्व डीजीपी के.राम बागडि़या ने आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों के संघर्ष के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए हैं और तांगा दौड़ शत-प्रतिशत होगी। मुंदियाड़, खरनाल, बासनी, कुम्हारी के सरपंचों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों के अनुसार हाइवे के किनारे कच्चा रास्ता तैयार करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग व हाइवे प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं। लेकिन हमें अब एेतिहासिक तांगा दौड़ करवानी है, इसलिए दौड़ में कम से कम १०१ घोड़ों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रत्येक जिले से एक घोड़ा या घोड़ी आएगी, जिसे हम फॉर्मूले में फिट करके दौड़ में शामिल करेंगे।
बीकानेर के डूंगर कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष विजयपाल बेनीवाल ने कहा कि इन दिनों छात्रसंघ चुनाव होने के कारण युवा चुनावों में व्यस्त है, लेकिन यदि सरकार ने दौड़ की अनुमति नहीं दिलाई तो २९ अगस्त को प्रदेश का युवा नागौर में होगा। मुंदियाड़ के पूर्व सरपंच रेवंतराम डांगा ने कहा कि सरकार में बैठे कुछ नेता तांगा दौड़ का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं और दौड़ समर्थकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर कीचड़ उछाल रहे हैं, मेरा उनसे कहना है कि तांगा दौड़ ३६ कौम की आस्था से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए इसे राजनीतिक रंग न दें और यदि वास्तव में वे प्रयास कर रहे हैं तो यहां अनुमति के आदेश की कॉपी लेकर यहां आकर जनता को बताएं।