तय नहीं करते लक्ष्य
अक्सर पैरेंट्स सबसे पहली गलती लक्ष्य तय न करने की करते हैं। आपके बच्चे के लिए पैसे की जरूरत अलग-अलग समय पर पड़ती है। जैसे कि स्कूल का खर्च, अंडरग्रेजुएट पढ़ाई का खर्च, पोस्ट ग्रेजुएट खर्च, शादी का खर्च। इसलिए आपको इन सभी लक्ष्यों की लिस्ट बनाकर फाइनेंशियल प्लनिंग करनी चाहिए। दूसरी गलती पैरेंट्स चाइल्ड प्लान पर निर्भर रहने की करते हैं। बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय केवल चाइल्ड प्लान जैसे कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट या इसी तरह के अन्य दूसरे प्रोडक्ट्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। क्योंकि कई बार चाइल्ड प्लान बच्चों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं।
कम रिटर्न वाली पॉलिसी ना करें निवेश
तीसरी गलती पैरेंट्स कम रिटर्न एसेट्स में निवेश कर के करते हैं। एजुकेशन की बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह साफ है कि कम दर से रिटर्न देने वाले विकल्प आपके लिए बेहतर नहीं हो सकते हैं। जैसे कि, अधिकांश फैमिली अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में भारी निवेश करते हैं। जबकि सोने का रिटर्न कई सालों से स्थिर रहा है। फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए आपको ऐसे जगह निवेश करना चाहिए जिससे कि तय समय आपको जरूरी रिटर्न मिल सके।
टर्म प्लान न लेना सबसे गलती साबित हो सकता है
चौथी गलती पैरेंट्स टर्म प्लान नहीं लेकर करते हैं। किसी भी कामकाजी व्यक्ति के लिए जिस पर फैमिली की जिम्मेदारी हो उसे एक टर्म प्लान जरूरी खरीदना चाहिए। असमय मृत्यु की स्थिति में टर्म प्लान फैमिली की जरूरतों के काम आ सकता है। टर्म प्लान लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वह आपकी मौजूदा सालाना इनकम का कम से कम 10 से 20 गुना हो। इसी के साथ आपको अपनी बेटी की शादी के लिए भी पॉलिसी ले लेनी चाहिए। आजकल तो सरकार भी बेटी की शादी के लिए एक से बढ़कर एक पॉलिसी लेकर आ गई हैं। लेकिन बेटी की शादी के लिए पॉलिसी लेते वक्त उस पर मिलने वाले रिर्टन के बारे में जरूर जान ले।