विवाद की क्या है वजह
गौरतलब है कि इजरायली सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने बाड़बंदी के पास तैनात इजरायली सैनिकों पर देसी बम और जलते हुए टायर के साथ हमले किए। इसके अलावा प्रदर्शकारियों ने इजरायली सैनिकों पर पत्थर भी फेंके। इजरायली सेना ने कहा कि इस हमले से बचने के लिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कदम उठाने पड़े। बता दें कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यरूशलम को लेकर काफी पुराना विवाद है। दोनों देश यरूशलम पर अपना अधिकार मानते हैं। फिलिस्तीन के लोग बर्षों से यरूशलम के एक हिस्से को अपनी भविष्य की राजधानी मानते हैं। आपतो बता दें कि अरब जगत के लोगों के लिए यरूशलम इस्लाम से संबंधित सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि यरूशलम ईसाइयों और यहूदियों के लिए भी काफी पवत्र जगह है।
रमजान के आखिरी शुक्रवार मुस्लिमों ने नमाज अदा कर इजरायल और अमेरिका के खिलाफ किया प्रदर्शन
यूएन ने की निंदा
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने गाजा पट्टी में हुए मिसाइल हमलों की निंदा की है। यूएन के महासचिव एंटोनियों गुटेरस ने प्रदर्शन के दौरान इजरायल की गोलीबारी में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत पर चिंता जाहिर की है और चेतावनी दी कि गाजा युद्ध के कगार पर खड़ा है। आगे गुटेरस ने कहा कि 30 मार्च को शुरु हुए प्रदर्शन के बाद से हताहत हुए फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या से वे काफी दुखी हैं। बता दें कि अब तक 132 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि रेडक्रॉस की आंकड़ों के मुताबिक 13 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।