अकबर की वकील गीता लूथरा और वकील संदीप कपूर ने इस मामले में कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। अदालत में सुनावई के दौरान कहा कि रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है, जो उन्होंने कठिन मेहनत कर के वर्षो में हासिल किया है। उन्होंने कहा कि रमानी के अपमानजनक बयान ने लोगों की नजरों में उनकी छवि को धूमिल किया है।
क्या है मामला… बता दें कि #Metoo कैंपेन के जरिए पत्रकार प्रिया रमानी ने अक्टूबर 2018 में ट्वीट किया था। इस ट्वीट में रमानी ने लिखा था, ‘मैं एम.जे.अकबर की कहानी के साथ इसकी शुरुआत करती हूं। कभी उनका नाम नहीं लिया, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया, महिलाओं के पास इस राक्षस(प्रीडेटर) के बारे में इससे भी खराब कहानियां हैं, संभव है वे साझा करें।’
अकबर ने आरोपी को किया खारीज अकबर के वकील ने अदालत से कहा कि रमानी ने गलत ढंग से आरोप लगाया, क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया था कि अकबर ने उनके साथ कुछ नहीं किया। वकील ने अदालत से रमानी को मामले में आरोपी के रूप में तलब करने का आग्रह करते हुए कहा कि रमानी की भाषा काफी अपमानजनक थी। बता दें कि अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगानी वाली रमानी पहली महिला पत्रकार थीं। वहीं इस मामले में अकबर समेत सात प्रत्यक्षदर्शियों के बयान रिकार्ड किए जा चुके हैं।राज्यसभा के सदस्य अकबर ने सभी आरोपों से इनकार किया था और इसे फर्जी और बेबुनियाद बताया था।