जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी। दिल्ली में चल रहीं 5 हजार औद्योगिक इकाइयों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बात के जवाब में दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कोर्ट को बताया था कि रिहायशी इलाकों में चल रही सभी अवैध औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में सील कर दिया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीलिंग के पूर्व 48 घंटे का नोटिस दिए जाने की शर्त को खत्म करने पर जवाब मांगा था।
ऐसे चली बहस
2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील करने की कमेटी बनी
कोर्ट और निगरानी समित के आदेश अलग-अलग
कोर्ट ने कहा सीलिंग के 48 घंटे पूर्व नोटिस दिया जाए,
निगरानी समिति ने कहा नोटिस नहीं दिया जाएगा
सरकार के सामने खड़ी हुई परेशानी
सरकार ने कहा कानून में 15 दिन का नोटिस देने का प्रावधान
कोर्ट में समिति की ओर से जो रिपोर्ट दाखिल की गई थी, उसमें साफ कहा गया था कि इस वर्ष अगस्त तक 15,888 अवैध औद्योगिक इकाइयों को सील किया जा चुका है। इसके अलावा जितनी अवैध इकाइयां शेष बची हैं उन्हें 15 दिन में सील कर दिया जाएगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साल 2004 में इन इकाइयों को सील करने के लिए कमेटी का गठन हुआ था। केंद्र सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश में कहा गया है कि सीलिंग के ४८ घंटे पूर्व नोटिस दिया जाएगा, जबकि निगरानी समिति का कहना है कि नोटिस नहीं दिया जाएगा. केंद्र ने कहा था कि कानून में १५ दिन का नोटिस देने की बात है. कोर्ट ने ४८ घंटे पूर्व नोटिस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसकी क्या जरूरत है.