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दरअसल, बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत अवमानना मामले में सीबीआई पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव और कानूनी सलाहकार भासुरन एस को अनोखी सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में दोषी ठहराते हुए एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही पूरे दिन कोर्ट परिसर में खड़े रहने की सजा सुनाई थी।
क्या बोले CJI …
इस मामले मर बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि यह उनके 20 साल के करियर में पहला ऐसा मामला है, जब उन्होंने ऐसी सजा सुनाई हो। कोर्ट ने दोनों को ही अदालत में आदेशों का उल्लंघन करने पर दंडित किया गया था। आपको बता दें कि अदालत अवमानना मामले में सजा सुनाने वाली मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस एल नागेश्वर राव और संजीव खन्ना भी शामिल थे। तीनों ने ही सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव और कानूनी सलाहकार भासुरन एस को अवमानना का दोषी पाया।
किस वजह से हुई अदालत की अवमानना
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एम नागेश्वर राव ने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर अरुण कुमार शर्मा का तबादला कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अदालत अवमानना का दोषी ठहराया था।
पहले भी मिल चुकी है ऐसी सजा
गौरतलब है कि इससे पहले भी ऐसी सजा सुनाई जा चुकी है। अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस काटजू पर भी एक्शन लिया गया था। साल 2016 में उस वक्त भी सुनवाई के लिए बैठी बेंच की अध्यक्षता जस्टिस रंजन गोगोई ही कर रहे थे। उस दौरान काटजू पर जजों की व्यक्तिगत अलोचना को लेकर कार्यवाई की गई थी।