घटना की जानकारी जिला प्रशासन को गुरुवार की सुबह दी गई है जिसके बाद राहत और बचाव का काम दिनभर चलता रहा। एसपी सिल्वस्टर नोंगतेंगर ने बताया कि लोगों को खदान से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। आपको बता दें कि वर्ष 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैज्ञानिक और असुरक्षित तरीके से खदान पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी, बावजूद इसके प्रदेश में अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
इस वजह से हुआ हादसा
पुलिस के मुताबिक मजदूर लाइटिन नदी के पास रैट में खनन कर रहे थे। इसी दौरान पानी का अधिक बहाव होने की वजह से ये सभी लोग अंदर फंस गए। खदान के भीतर से पानी को बाहर निकाला गया है। खदान में खनन के पीछे किन लोगों का हाथ है हम इसकी जांच कर रहे हैं।
इस बड़े हादसे को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, इन लोगों के खिलाफ अवैध खनन का मामला दर्ज किया गया है। आपदा प्रबंधन मंत्री काइरमेन शाइला ने बताया कि हम इस मामले में जिला प्रशासन की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
आपको बता दें ऐसा पहली बार नहीं है हुआ है जब प्रदेश में अवैध खनन के दौरान लोग फंसे हैं। इससे पहले 2012 में दक्षिण गारो हिल्स में नांगलबीबबरा में अवैध रूप से खनन में 15 नाबालिग फंस गए थे। जिनका शव कभी वापस नहीं लाया जा सका।