इकरा ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि अब कश्मीर में लोगों का रवैया खेल को लेकर धीरे धीरे बदल रहा है और मां-बाप अपनी बेटियों को खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। श्रीनगर में अब लड़कियों की ट्रेनिंग के लिए एक प्राइवेट एकेडमी भी खुली है। मैं सरकार और प्राइवेट संस्थानों से गुजारिश करूंगी कि वो आगे बढ़ कर लड़कियों को दिशा और प्रोत्साहन प्रदान करें। इस दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन देश भर से कई युवा लीडर, उद्यमी जमा हुए और देश से जुड़े राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की।
पहले दिन कई महत्वपूर्ण सत्र चले जिनमें जातिगत भेदभावए, मैन्युअल स्कावेंजिंग, जापानी तकनीक मियावकी द्वारा शहरों में जंगल लगाना, महिला पुलिस अधिकारियों पर पितृसत्तात्मक व्यवस्था का असर, सड़कों पर जीवन बिताते बेघर बच्चों, प्राइवेसी पर मंडराते खतरों, दिव्यांगता के प्रति बने स्टीरियोटाइप, प्यार और खुशी, फेक न्यूज के प्रचलन, युवाओं का जेंडर न्यूट्रल समाज बनाने में योगदान जैसे अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई।