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मधुबनी

कुशवाहा का अल्टीमेटम खत्म,नहीं हुई कोई वार्ता,इस कविता के सहारे कुशवाहा ने बयां किया दर्द

सम्मान जनक जवाब की आशा में अल्टीमेटम देने वाले कुशवाहा को ऐसी प्रतिक्रिया मिली…

मधुबनीDec 01, 2018 / 03:36 pm

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upendra kushwaha

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(मोतिहारी,मधुबनी): जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है। हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की इन पंक्तियों के सहारे रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी—एनडीए के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कि। दरअसल एनडीए में सीट शेयरिंग मसले पर बात करने के लिए कुशवाहा ने पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से समय मांगा था। वहां बात नहीं बनने पर उन्होंने पीएम नरेंद्र से बात करनी चाही, बात करने के लिए 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था। कुशवाहा को शाह और पीएम से मिलने का समय नहीं मिल पाया,इस दौरान किसी बीजेपी नेता ने भी उनसे बात करने की कोशिश नहीं की। सम्मान जनक जवाब की आशा में अल्टीमेटम देने वाले कुशवाहा को ऐसी प्रतिक्रिया मिली।


पूर्वी चंपारण में रालोसपा नेता की हत्या के बाद उपेंद्र कुशवाहा मृतक के परिजनों से मिलने मोतिहारी पहुंचे। मुलाकात के बाद कुशवाहा ने मीडिया से बात की। मीडिया ने अल्टीेमेटम और वार्ता की बात छेड़ी तो कुशवाहा का दर्द छलक उठा। दिनकर की पंक्तियां पढकर उन्होंने बीजेपी और एनडीए पर संकट गहराने की ओर इशारा किया है। बीजेपी अध्यक्ष और पीएम मोदी से बात करने का समय क्यूं नहीं मिल पाया इस जवाब पर उन्होंने मीडिया को बताया कि इस बारे में बीजेपी नेता अच्छे से बता सकते है। ऐसे हालात क्यों बने यह बात बीजेपी के सामने उठानी चाहिए इस पर कुशवाहा ने जोर दिया।

 

 

मालुम हो कि एनडीए में सीट शेयरिंग के मुद्ये पर बात करने को लेकर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को 30 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था। इसी के साथ उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें सम्मानजनक जवाब नहीं मिला तो उन्हें सख्त निर्णय लेना पड़ेगा। कुशवाहा एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहे है। वह हर मोर्चे पर नरेंद्र मोदी को 2019 में पीएम बनाने में साथ देने की बात कहते रहे है पर उनकी नाराजगी जग जाहिर है।

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