30 अप्रैल तक आ सकता है रिजल्ट डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस बार रिजल्ट 30 अप्रैल तक जारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि 30 अप्रैल तक रिजल्ट जारी कर दिया जाए. प्रयास रहेगा कि इससे काफी पहले रिजल्ट जारी कर दें. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति परीक्षा केंद्रों पर सरकार फैसला लेगी। इस बार डीआईओएस इस समिति के सिर्फ सदस्य सचिव होंगे। परीक्षा कक्ष में 2 सीसीटीवी कैमरे, वॉइस रिकॉर्डर लगाए जाएंगे। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक स्टेटिक मेजिस्ट्रेट होगा।
दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगेंगे यूपी बोर्ड परीक्षाओं में इस बार कई अहम बदलाव होने हैं। पहली बार एग्जाम सेंटर में वॉयस रेकॉर्डर लगेंगे। इसके अलावा इस बार दो सीसीटीवी कैमरे हर एग्जाम रूम में लगेंगे। इस बार राजधानी में पिछली बार की अपेक्षा करीब बीस परीक्षा केंद्र कम बनाए जाएंगे। वहीं चौकसी अधिक बरती जाएगी। खासकर नकल पर और अधिक शिकंजा कसा जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने सोमवार को स्कूल के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर परिषद के मानकों को दो दिन के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
इस बार घटे छात्र बता दें कि साल 2018 बोर्ड परीक्षा में जहां 1.81 लाख निजी विद्यार्थियों पंजीकरण कराया था, वहीं इस वर्ष 92,384 निजी विद्यार्थियों ने ही बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। उन्होंने बताया कि नकल के लिए कुख्यात अलीगढ़ की एक संस्थान में भी 56 हजार विद्यार्थी कम पंजीकृत हुए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कोर्ट केस में पत्रावली तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि कोर्ट केस के प्रकरण में देखा गया है कि आपसी साठगांठ से पत्रावली को दबाकर रखा जाता है।
वहीं सीएम दिनेश शर्मा ने कहा है कि इस बार 9.35 लाख छात्र कम हो गए। इस बार 10वीं में 32,03,041 छात्र और 12वीं में 25,84,957 छात्र पंजीकृत हुए हैं। 10वीं और 12वीं में कुल 57,87,998 छात्र पंजीकृत हुए हैं।