बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलित और पिछड़ा-विरोधी जातिवादी व सांप्रदायिक सत्ताधारी भाजपा से लडऩे के बजाए बसपा को ही कमजोर करने में जुटे स्वार्थी और गुलाम मानसिकता वाले भितरघाती तत्वों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि बीजेपी एंड कम्पनी की घोर जातिवादी, संकीर्ण व सांप्रदायिक नीतियों, कार्यकलापों एवं इनके गुप्त एजेंडे के कारण खासकर गरीबों, दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा की जा रही है। इन वर्गों का हित व कल्याण हर स्तर पर प्रभावित हो रहा है, जो देशहित के लिए चिंता का विषय है। साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी भाजपा सरकार में आतंकित किया जा रहा है, जिससे वह डरे सहमे हुए हैं। इसके खिलाफ हमें लड़ाई लडऩी होगी, ताकि उन्हें इस डर से निजात दिलाया जा सके।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा शहरों, स्टेशनों, सड़कों का नाम बदला जाना भी इनकी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व फांसीवादी सोच का परिणाम है , जबकि बसपा की सरकारों में नए जिले, नए तहसील, नए संस्थान, पाक आदि बनाकर उनका सुन्दर नामकरण किया गया था। बैठक में प्रमुख पदधिकारियों के साथ जोन इंचार्ज, जिला अध्यक्ष और प्रभारी, मंडलीय को-आर्डिनेटर, विधानसभा अध्यक्ष, बीवीएफ के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद इंद्रजीत सरोज की बगावत को लेकर पार्टी बेहद गंभीर है। क्योंकि स्वामी प्रसाद के बगावती तेवरों से बसपा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावम ें पिछड़े वर्ग की वोटों का नुकसान उठाना पड़ा था। इसी तरह से पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी की बगावत से मुस्लिम-दलित समीकरण प्रभावित होने की आशंका भी बढ़ी थी। मुसलमानों और पिछड़ों में हुए नुकसान की भरपाई अब तक न हो सकी थी कि इंद्रजीत सरोज का झटका लगा। मालूम हो कि इंद्रजीत 13 अगस्त से बसपा विरोधी मोर्चा बनाने का ऐलान कर चुके हंै।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 18 सितंबर को मेरठ से शुरू होने वाले महा सम्मेलनों की सफलता के लिए पूरी ताकत झोंकने का कार्यकर्ताओं से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व महासम्मेलनों में जरूर दिखना चाहिए, इसके लिए अभी से जुट जाए। गांव और वार्ड स्तर पर बैठकें करके महासम्मेलनों में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट तैयार करें।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और कांशीराम के मिशन को कमजोर करने वालों की सच्चाई समाज के बीच प्रचारित करें। दावा किया कि बसपा के कई उतार चढ़ाव देखे हैं। धोखेबाजों को सबक जनता सिखा देगी। भाजपा व संघ के हाथों खिलौना बने और मिशन को कमजोर करने वालों पर निगाह रखने की जरूरत है।