scriptनिर्माण में सुविधा, सुंदरता और स्थायित्व पर विशेष ध्यान दें – राम नाईक | Governor ram naik inaugurates architect Mahakumbh | Patrika News
लखनऊ

निर्माण में सुविधा, सुंदरता और स्थायित्व पर विशेष ध्यान दें – राम नाईक

राज्यपाल ने किया आर्किटेक्ट्स महाकुम्भ का उद्घाटन

लखनऊDec 01, 2018 / 06:40 pm

Mahendra Pratap

architect Mahakumbh

निर्माण में सुविधा, सुंदरता और स्थायित्व पर विशेष ध्यान दें – राम नाईक

ritesh singh

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ आर्किटेक्ट्स द्वारा आयोजित आर्किटेक्ट्स महाकुम्भ ‘यूआईए-आईआईए’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दिव्यकुश अध्यक्ष इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ आर्किटेक्ट्स, थामस वार्नियर अध्यक्ष इंटरनेशनल यूनियन आॅफ आर्किटेक्ट्स, वीरेन्द्र अग्रवाल चेयरमैन इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ आर्किटेक्ट्स, के0के0 अस्थाना संयोजक आर्किटेक्ट्स महाकुम्भ सहित बड़ी संख्या वास्तुविद् व निर्माण कार्य से जुड़ी संस्थाओं के लोग उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी ‘भारत में वास्तुकला व्यवसाय के 100 वर्ष’ का भी अवलोकन किया।
राज्यपाल ने उद्घाटन के पश्चात् अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि निर्माण क्षेत्र में वास्तुविद् की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निर्माण कार्य में कम जगह में अधिक से अधिक सुविधा कैसे उपलब्ध हो, विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुंबई का उदाहरण देते हुये कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है पर आबादी की एक बड़ा हिस्सा आज भी झुग्गी झोपड़ियों में निवास करता है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों से अपना संबंध बताते हुये उन्होंने कहा कि स्थान की कमी को देखते हुये 1980 में उनके सुझाव पर दो मंजिला शौचालय का निर्माण किया गया था।
राम नाईक ने कहा कि आज के निर्माण चाहे आवासीय हो या व्यवसायिक सभी टेक्नोलाॅजी के आधार पर किये जा रहे हैं। टेक्नोलाॅजी के उपयोग के बावजूद भी कई बार ऐसा देखा गया है कि उनकी मजबूती और गुणवत्ता सवालों के दायरे में आती है। कई सौ वर्ष पूर्व लखनऊ का ‘बड़ा इमामबाड़ा’, जो बगैर सीमेंट एवं बिना सरिया के बनाया गया था आज भी उसी मजबूती से पर्यटन स्थल बना है। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसिया या निर्माण से जुड़ी संस्थाएं सुविधा, सुंदरता और स्थायित्व के साथ-साथ ‘कास्ट ओवर रन’ एवं ‘टाइम ओवर रन’ का विशेष ध्यान रखें।
राज्यपाल ने आकिर्टेक्ट्स महाकुम्भ को जनवरी 2019 में होने वाले प्रयागराज के कुम्भ से जोड़ते हुये कुम्भ के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुम्भ एक आस्था का विषय है जिसमें लोग बिना किसी बुलावे या प्रचार के संगम में डूबकी लगाने आते है। उन्होंने कहा कि ‘कुम्भ-2019’ में 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। राज्यपाल ने इस अवसर पर विदेश एवं अन्य प्रदेश से आये लोगों का अभिनन्दन करते हुये लखनऊ की विशेषता और खान-पान पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष दिव्यकुश ने आर्किटेक्ट्स महाकुम्भ के आयोजन पर प्रकाश डाला तथा स्वागत उद्बोधन दिया।

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