ट्वीट कर मांगी माफी
ट्विटर की कानूनी, नीति, भरोसा और सुरक्षा प्रमुख विजया गड्डे ने सोमवार देर रात ट्वीट किया, “मुझे इसके लिए खेद है। यह हमारे विचारों का प्रतिबिंब नहीं है। हमे एक निजी फोटो उपहार के रूप में प्राप्त हुआ था। हमें और अधिक विचारशील होना चाहिए था।” उन्होंने आगे कहा, “ट्विटर सभी के लिए निष्पक्ष मंच होने का प्रयास करता है। हम यहां ऐसा करने में नाकाम रहे हैं और हमें भारत में अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए बेहतर करना होगा।”
जैक डोरसे पर कट्टरता व नस्लवादी के आरोप लगे थे
सोशल नेटवर्क के मुताबिक, महिला पत्रकारों के साथ बंद कमरे में चर्चा हुई थी। वे भारत में बदलाव की वाहक हैं और यह चर्चा उनके ट्विटर अनुभव को लेकर थी। माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ने कहा, “इस चर्चा में एक दलित कार्यकर्ता भी सहभागी थी और उन्होंने अपने निजी अनुभवों को साझा किया और जैक को एक पोस्टर भेंट किया।” ट्विटर ने कहा, “यह ट्विटर या हमारे सीईओ का बयान नहीं है।” इस पोस्टर के वायरल होने के बाद कुछ यूजर्स ने डोरसे पर ‘कट्टरता’ और ‘नस्लवादी’ के आरोप लगाए थे।