स्वाइन फ्लू के लक्षण-
सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान लगना, सिर दर्द होना, आंखों में पानी आना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण ज्यादा है तो बुखार तेज होता जाता है।
सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान लगना, सिर दर्द होना, आंखों में पानी आना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण ज्यादा है तो बुखार तेज होता जाता है।
स्वाइन फ्लू के कारण-
इन्फ्लूएंजा-ए वायरस के प्रकार एच 1 एन 1 से स्वाइन फ्लू होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता हैं। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रमण वाला होता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है। जब कोई खाँसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकला वायरस कठोर सतह पर आ जाता है। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।
इन्फ्लूएंजा-ए वायरस के प्रकार एच 1 एन 1 से स्वाइन फ्लू होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता हैं। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रमण वाला होता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है। जब कोई खाँसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकला वायरस कठोर सतह पर आ जाता है। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।
कैसे रहें सावधान -गंभीर बीमारियों से ग्रषित, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, सर्दी-जुकाम से पीडि़त, बच्चे और बुजुर्गों को विशेष तौर से सावधानी बरतनी चाहिए।
-इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
-खांसते और छींकते समय टिशू पेपर, रुमाल या साफ कपड़े का प्रयोग करें।
-बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
-जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।
-स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें, नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहे।
-इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
-खांसते और छींकते समय टिशू पेपर, रुमाल या साफ कपड़े का प्रयोग करें।
-बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
-जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।
-स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें, नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहे।