अधिकतम गति 60 कि मी प्रति घंटा
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में यह साफ लिखा गया है कि घने कुहासे मौसम के दौरान यात्रियों (ट्रेनो पायलट) और ट्रेन की सुरक्षा के लिए गति को कम करना होगा। आमतौर पर 100 से 110 किमी गति से चलने वाली टे्रनों को भी खराब दृश्यता स्थितियों में अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।
लोगों को करें सतर्क रेलवे की ओर से जारी निर्देश में लोको पायलटों को सलाह दी गई है कि वे आस-पास के गेटमैन और ट्रेन के आने वाले सडक़ उपयोगकर्ताओं को पहले से ही टे्रन संचालन की चेतावनी दें। इस उपाय को लागू करने के लिए रेलवे अधिकारी और सुरक्षा सलाहकारों द्वारा प्रशिक्षित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
लाल रोशनी प्रदर्शित करने की अनुमति
ट्रेनों के गार्डों को यह देखने के लिए निर्देश दिया गया है कि लोको-पायलट कुहासे के दौरान निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज गाड़ी न चलाएं। रात के दौरान और कुहासे या शीत लहरी में दिन के दौरान दृश्यता में कमी को दूर करने के लिए एक लाल लैंप की रोशनी होनी चाहिए। चमकती लाल रोशनी प्रदर्शित करने की अनुमति है।
रेलवे ट्रैक के पास गश्त दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतरगत टे्रन संचालन के दौरान किसी भी घटना के बारे में लोको पायलटों और गार्डों को चेतावनी देने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही कोहरे सिग्नल के साथ शीतकालीन संरक्षक को नियुक्त करके रेलवे ट्रैक के शीत मौसम गश्त की शुरुआत की है। इसके अलावा देर रात और सुबह के समय के दौरान डिवीजनों और मुख्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक जांच व और फुटप्लेट निरीक्षण भी तय किया गया है।