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अघोषित कटौती ने तोड़ी किसानों की कमर, सूख गई खड़ी धान की फसल

ढीमरखेड़ा क्षेत्र के किसान परेशान, विद्युति विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

कटनीOct 08, 2018 / 12:18 pm

dharmendra pandey

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कटनी. का वर्षा जब कृषि सुखानी…। यह कहावत इन दिनों चरितार्थ हो रही है जिले के ढीमरखेड़ा ब्लॉक में। बिजली की समस्या से किसान हैरान-परेशान हैं। सरकार द्वारा सरल बिजली योजना के तहत बिल माफी के बाद ऐसा लग रहा था कि आगामी बिजली की समस्या से राहत रहेगी, लेकिन वर्तमान में तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों में विद्युत समस्या को लेकर किसान सिंचाई कार्य नहीं कर पा रहे। किसानों की फसल सूखने की कगार पर है। जिसे देख कर ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब बिजली एक बड़ा मुद्दा बन रही है। विद्युत समस्या को लेकर 3:ह्म्द्गद्दद्बह्यह्लद्गह्म्द्गस्र: सितंबर को ‘सिंचाई नही होने से सूखने लगी धानÓ और 2 अक्टूबर को ‘बिजली गुल रहने से नही कर पा रहे सिंचाई सूख रही धानÓ नामक शीर्षक से पत्रिका ने प्रमुखता से किसानों को समस्या को :ष्शश्च4ह्म्द्बद्दद्धह्ल:ठाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद तहसील क्षेत्र के अन्य ग्रामों से विद्युत समस्या के कारण किसानों का सिंचाई कार्य प्रभावित होने के संबंध में शिकायत प्राप्त हो रही हैं।

इन गांवों में समस्या
तहसील क्षेत्र के ग्राम खमतरा, देवरी मारवाड़ी, खमरिया, बिचुआ, मेर, पहरुआ, भोपार, अतरिया, सिंघनपुरी, कटरिया, रामपुर, ठिर्री, सारंगपुर, जिर्री, झिन्नापिपरिया, भमका आदि गांव के किसान परेशान हैं। किसानों ने बताया कि तकरीबन 1 माह से बारिश ना होने के कारण धान की फसलों को निजी बोरिंग के सहारे सिंचाई की जा रही है, लेकिन कम वोल्टेज और लगातार ट्रिपिंग के कारण किसान सिंचाई का कार्य नहीं कर पा रहे। जिसको लेकर किसानों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, क्षेत्रीय विधायक और सीएम हेल्पलाइन तक का सहारा लिया। कांग्रेस नेताओं ने भी :ह्लद्व:ाापन सौंपकर समस्या में सुधार की मांग की, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा।

किसानों ने बताई समस्या
खमरिया गांव किसान नारायण प्रसाद यादव ने बताया कि 3 एकड़ कृषि भूमि में धान की फसल बोई थी। जिसमें तकरीबन विद्युत स्थाई कनेक्शन की लागत लगा कर धान की फसल बोई थी। विद्युत समस्या के कारण धान की फसल सूखने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में मुनाफा तो छोडिय़े खेती की लागत भी निकालना मुश्किल है। जिससे किसान की हालत खराब होती जा रही है। किसानों को बारिश होने का भी इंतजार है, लेकिन तहसील क्षेत्र की स्थिति देख कर पुरानी कहावततो में का वर्षा जब कृषि सुखाने की बात को चरितार्थ होता देखा जा रहा है। किसान रात भर खेतो में सिंचाई के लिए जाते है, लेकिन लाइट की ट्रिपिंग और कम बोल्टेज के कारण सिर्फ खेतो में रात जागरण होता है ना की सिंचाई। किसानों में विभाग के प्रति आक्रोश है की जब व्यवस्था नही थी तो किसानों को कनेक्शन क्यों दिए गए।

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