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खासबात यह है कि जिन किसानों का कर्ज माफ होना है, उनके खाते में वर्तमान में कर्ज चढ़ा है। इसका खामियाजा खरीफ सीजन में खाद-बीज में भुुगतना पड़ रहा है। कई समितियों में किसान के नाम पर कर्ज होने के कारण खाद-बीज स्वीकृत करने से पहले कर्जमाफी रोकड़ में चढ़ जाने की बात कही जा रही है।
जिलेभर में किसानों पर कर्ज की बात करें तो विधानसभा चुनाव से पहले यानी नवंबर माह तक जिलेभर में एक लाख 6 हजार किसानों पर 741 करोड़ 89 लाख रूपये का ऋण था। इसमें सहकारी बैंक के माध्यम से संचालित 56 सोसायटियों 31 हजार किसानों पर ऋण था। अलग-अलग समय में चलाए गए समाधान योजना में 3 हजार किसानों द्वारा कर्ज चुकाने के बाद 28 हजार किसानों पर 122 करोड़ रूपये का कर्ज रहा। राष्ट्रीयकृत बैंकों में 88 हजार किसानों पर 619.89 करोड़ रूपये का ऋण रहा।
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कलेक्टर कटनी एसबी सिंह बताते हैं कि पहले चरण में जिन किसानों की सूची में नाम था, उनको कर्जमाफी का लाभ मिल गया है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में लाभान्वित होने वाले किसानों के खाते में कर्ज माफी की राशि जल्द दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं।