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ख्वाब पूरा होते-होते आ गया बुढ़ापा

locationकटनीPublished: Feb 13, 2019 11:30:09 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

संप्रेषणा नाट्य मंच ने किया सबरंग नाट्य महोत्सव का आयोजन

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कटनी। हरदा के कलाकारों ने नाटक ताजमहल का टेंडर की प्रस्तुति दी। लेखक अजय शुक्ला, संजय तेनगुरिया के निर्देशन व सह निर्देशक इरशाद खान की अगुवाई में प्रस्तुत नाटक में शाहजहां का एक ख्वाब ताजमहल बनने के ऊपर आधारित था। जिसे बनाने की पूरी जिम्मेदारी चीफ इंजिनियर के कंधों पर होती है। उनके साथ उनका विशेष सलाहकार और उनके खास सहयोगी, ठेकेदार तीनों शाहजहां के ख्वाब को पूरा करने की योजना में लग जाते हैं।

ज़मीन खरीदी जाती है उसका नाप जोप करवाया जाता है और अलग-अलग विभाग से ताज महल बनवाने की अनुमति ली जाती है, जिसमें पैसा पानी की तरह बहाया जाता है और दूसरी तरफ समय भी गुजरता जा रहा है, जो ख्वाब शाहजहां ने अपनी जवानी में देखा था वो उनके वृद्धावस्था में पूरा होता नजर आता है। दूसरी ओर काम में लगे इंजिनियर के मकान, होटल, फार्म हाउस बन जाते हैं। सरकारी सेवाओं पर कटाक्ष करते नाटक ने जमकर तालियां बटोरीं।

संप्रेषणा नाट्य मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सबरंग नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन महोत्सव का गणेश वंदना नृत्य के साथ शुभारंभ हुआ। इसके बाद सिंधी नाटक पहिरों बाराती का कलाकारों ने मंचन किया, जिसे लोगों की जमकर सराहना मिली। इसके बाद शाहजहां नाटक की प्रस्तुति दी गई।

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