जीटीरोड वाशिंग लाइन के पीछे बाबूपुरवा में मेमू शेड बनाने का काम शुरू होगा। इसके लिए ८१ करोड़ का बजट स्वीकृत कर लिया गया है। रेल विकास निगम को इसके निर्माण की जिम्मेदारी मिली है। झकरकटी स्टेशन के पास पुराना रेलवे स्टेशन के पीछे पुरानी कालोनियों को तोड़कर कार शेड बनाया जाएगा। जिसके बाद मेमू की बोगियों और इंजन की मरम्मत यहीं हो जाएगी। इन्हें लखनऊ नहीं भेजना पड़ेगा।
कानपुर-फर्रूखाबाद रूट पर विद्युतीकरण का काम तेजी से चल रहा है। यहां इस समय डीजल इंजन चलित ट्रेने चल रही हैं। लंबी दूरी की डीजल इंजन वाली टे्रनें ही इधर से गुजरती हैं। जबकि झांसी रूट पर विद्युतीकरण अंतिम चरण में हैं। दोनों रूटों पर डीजल चलित पैसेंजर ट्रेनें हटाकर मेमू ट्रेने चलाई जाएंगी। इससे रोजमर्रा यात्रा करने वालों को काफी सुविधा होगी।
पैसेंजर ट्रेनों के मुकाबले मेमू ट्रेनें जल्दी स्पीड़ पकड़ती हैं। इनकी स्पीड भी पैसेंजर ट्रेनों से ज्यादा होती है। इससे रेलवे का डीजल खर्च कम होगा, साथ ही यात्रियों को भी समय की बचत होगी। फर्रुखाबाद से कानपुर की दूरी में पैसेंजर ट्रेनों के मुकाबले सफर जल्दी पूरा होगा। दूसरी ओर पैसेंजर ट्रेनों की अपेक्षा मेमू में जगह ज्यादा होती है और यात्रियों को धक्कामुक्की का शिकार नहीं होना पड़ता।
रेल विकास निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि डेढ़ साल में मेमू कार शेड बनवा दिया जाएगा। भविष्य में मेमू की तरह दोनों तरफ बोगियों से जुड़े इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनों का संचालन हो।