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शासन की मंशा पर फिर रहा पानी, एक दर्जन परिषदीय विधालयों के उद्धार में जिम्मेदार उदासीन

locationकानपुरPublished: Jan 15, 2019 11:41:01 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

सरवनखेड़ा विकासखंड के छह प्राथमिक व छह उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल बनाने के लिये चयनित किया गया है।

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शासन की मंशा पर फिर रहा पानी, एक दर्जन परिषदीय विधालयों के उद्धार में जिम्मेदार उदासीन

कानपुर देहात-सरवनखेड़ा ब्लाक क्षेत्र के सरकार परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजनाओं में पलीता लगाया जा रहा है। कानपुर देहात के सरवनखेड़ा विकासखंड के छह प्राथमिक व छह उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल बनाने के लिये चयनित किया गया है। स्कूलों की कंपोजिट ग्रांट व संबंधित ग्राम पंचायत की चौदहवें वित्त की धनराशि से कायाकल्प योजना के तहत चयनित विद्यालयों का सौंदर्यीकरण होना है।
विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय मनेथू प्रथम, बजांरनपुरवा, ररूवा, किशरवल, मोहाना, महादेव कुटी व उच्च प्राथमिक विद्यालय भदेशा, जरैला, करसा, बिल्टी, मनेथू, जलालपुर के विद्यालयों को माडल विद्यालय के रूप में चयनित किया है। इन स्कूलों का कायाकल्प योजना के तहत सौंदर्रीकरण किया जाना है। इसमें चौदहवें वित्त व स्कूल की कंपोजिट ग्रांट की निधि से 26 जनवरी तक किया जाना प्रस्तावित है। हालात यह हैं कि अभी तक काम शुरू ही नहीं हो सका है। विद्यालयों के परिसर में इंटरलाकिंग, बाउन्ड्री की मरम्मत कराना व दीवारों में पुट्टी कराकर रंगाई पुताई कराना परिसर में मौजूद पौधों में ट्री गार्ड लगाना, झूले लगवाना आदि काम संबंधित ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी की देखरेख में होना है।
सरकार की मंशा है कि इससे अभिभावक व बच्चे स्कूल में दाखिला कराने के लिये आकर्षित होंगे। लेकिन अभी तक स्कूलों में काम चालू न हो पाने से निर्धारित समय में काम पाएगा इसमें संशय है। खंड विकास अधिकारी सरवनखेड़ा बब्बन राय ने बताया कि चयनित स्कूलों से संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रधान व पंचायत सचिव की अगले दो दिनों में बैठक बुलाकर आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे। उच्च प्राथमिक विद्यालय भदेशा के प्रधानाध्यापक जफर अख्तर ने बताया कि स्कूल में शौचालय में केवल पत्थर व हैंडपाइप की फर्श बनाकर काम बंद कर दिया गया। ग्राम पंचायत अधिकारी दीक्षा सचान का कहना है कि छोटी गांव सभा होने की वजह से धन कम आता है। जितना काम हो सकता है उतना कराकर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी जायेगी।
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