इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के सुचारु रूप से संचालन के लिए अभी तक कोई पॉलिसी नहीं बनी थी. ई चालान की रकम का निर्धारण तो कर लिया गया था मगर काटने के बाद यह रकम सरकारी खजाने में जमा हो जाती है. यह वापस ट्रैफिक पुलिस या नगर निगम को नहीं मिलती. ऐसे में बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी कि डाक विभाग से भेजे जाने वाले चालान पर 30 रुपए का जो खर्च आता है उसे आने वाले समय में कैसे वहन किया जाए. इसके लिए कोई मद नहीं थी. यही वजह है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ लाल बत्ती का उल्लंघन करने वालों को प्रतिदिन चालान भेजती है, जिसकी संख्या दो चौराहों को मिलाकर औसतन 200 ही है. यह अलग बात है कि हजारों की संख्या में लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, अब यह समस्या खत्म हो जाएगी.
कुल मिलाकर अब अगर आपने लाल बत्ती की अनदेखी करके चौराहों को पार किया तो पहली बार में ही 200 रुपये का जुर्माना पड़ेगा. ई-चालान के 100 रुपये ट्रैफिक पुलिस आईटीएमएस मुख्यालय में जमा कराएगी. नगर निगम भी रसीद काटेगा, जिसके 100 रुपये अतिरिक्त देने पड़ेंगे. इसके लिए नगर निगम के जोन तीन की एक महिला कर्मचारी की नियुक्ति कर दी है. सुबह 10 से शाम 5 बजे तक कर्मचारी को रेल बाजार स्थित आईटीएमएस कंट्रोल रूम में बैठना होगा. अतिरिक्त जुर्माने की रकम नगर निगम के खाते में जमा होगी.
शहरवासियों ने ट्रैफिक नियमों का पालन शुरू किया तो ई-चालान भी नहीं कटेगा और साथ ही साथ डाक विभाग को दिया जाने वाला खर्च भी नहीं लगेगा. ऐसी स्थिति में नगर निगम को बिजली का खर्च वहन करना पड़ेगा. इसकी भी भरपाई शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट्स के कारण होने वाली बचत से होगी.
पॉलिसी को लागू करने के बाद हेलमेट न पहनने पर भी चालान कटेंगे. हालांकि इससे पहले ट्रैफिक पुलिस जागरूकता का अभियान चला सकता है. वहीं ये तय है कि बहुत जल्द स्टॉप लाइन पार करने पर भी ई-चालान घरों तक भेजे जाने लगेंगे. नगर निगम की ओर से 100 रुपये की वसूली इस वजह से की जाएगी ताकि डाक का खर्च आसानी से वहन किया जा सके.