जून 2017 में शहर में नगर निगम, केडीए, पीडब्ल्यूडी, मंडी परिषद और आवास विकास ने लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से 200 से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त किया था, लेकिन बारिश में यह गड्ढे फिर से दिखने लगे हैं. वहीं टेलीकॉम कंपनियों की ओर से की जा रही बेतरतीब खुदाई ने भी सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं, जो मुश्किलों को और बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा खुले मेनहोल मौत को दावत दे रहे हैं. हाल ही में इस लापरवाही से एक बच्चे की मौत हो चुकी है.
शहर में बारिश के दौरान दर्जनों सड़कें इस कदर खतरनाक हो चुकी हैं कि इनमें से सही-सलामत गुजर जाना बड़ी बात होती है. आर्य नगर चौराहे से बेनाझाबर तक, कंपनी बाग चौराहा, स्वरूप नगर, अशोक नगर, आर्य नगर, शास्त्री नगर, रावतपुर चौराहे से डबल पुलिया रोड, कल्याणपुर रोड सहित दर्जनों सड़कें ऐसी हैं, जिसमें कई बड़े गड्ढे हैं. यही नहीं बारिश में इन सड़कों में पानी भरने से यह सड़कें और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं.
शहर में पिछले साल गड्ढामुक्त अभियान चलाया गया था, इस दौरान शहर में 50 करोड़ से ज्यादा की रकम को गड्ढामुक्त किया गया था. लगभग 244 किमी. सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया था. इसमें मंडी परिषद ने 84.91 किमी., पीडब्ल्यूडी ने 28 सड़कें, केडीए ने 9 सड़कें, नगर निगम ने 132 सड़कें और आवास विकास द्वारा 4.1 किमी. के बराबर सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया था. इसकी सत्यता की जांच के लिए हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर पर जांच के आदेश भी दिए हैं. इससे विभागीय अधिकारियों के होश उड़ गए हैं.