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लोस चुनाव से पहले जिले में 43 हजार किसानों का आनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया पूरी हुई थी। चुनाव की घोषणा होते ही अनुदान वितरण रोग दिया गया। चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने यह अनुदान राशि 5 एकड़ तक भूमि वाले किसानों को पात्र माना था। चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने पांच एकड़ की बाध्यता को समाप्त कर सभी कृषकों को साल में 6-6 हजार देने की घोषण कर दी।पैंट-शर्ट पहनकर खेतों में जुताई करने वाला शख्स किसान नहीं, निकला IAS अफसर
वहीं दूसरी खेप की राशि 8,170 किसानों के बैंक खातों में एक करोड़ 63 लाख 34 हजार रुपए पहुंच जाने का दावा किया जा रहा है। यानी आनलाइन पंजीयन के बाद भी 27 हजार 345 किसानों के खातों में फूटी कौड़ी नहीं पहुंची है। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो किसान नेता केशरीचंद जैन ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले सभी किसानों के बैंक खाता में 2-2 हजार देने दावा किया था।इस IPS अफसर ने डीजे की धुन पर किया गजब का डांस, देखिए वीडियो
कांकेर के गणना के आधार पर 2,19,027 किसान
कांकेर और रायपुर राजस्व भू अभिलेख शाखा के रिकार्ड पर गौर करें तो किसानों की संख्या में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। कांकेर शाखा से किसानों की संख्या दो लाख 19 हजार 27 बताई जा रही तो वहीं रायपुर भू-अभिलेख शाखा के रिकार्ड के अनुसार एक लाख 33 हजार 703 किसान हैं। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि एक ही विभाग की दो शाखाओं में 80 हजार से अधिक किसानों की संख्या में अंतर भू अभिलेख विभाग के जिम्मेदारों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
रायपुर भू अभिलेख शाखा का दावा कांकेर में 1,33,703 किसान, अभी तक 52 हजार पंजीकृत
राजस्व विभाग भू अभिलेख शाखा रायपुर के गणना पर गौर करें तो कांकेर जिले में एक लाख 33 हजार 703 किसान को किसान समृद्धि योजना में लाभ मिलेगा। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि अभी तक 80 हजार 977 किसानों का पंजीयन तक नहीं हो पाया है। राजस्व विभाग की अनदेखी के चलते किसान समृद्धि योजना के अनुदान पर ग्रहण लगा है। 6 माह से राजस्व विभाग किसानों का आनलाइन पंजीयन कर रहा है फिर हजारों किसानों का रिकार्ड आनलाइन नहीं हो पाया है।