उद्यमियों के अनुसार जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग में पिछले एक दशक में जिस तेजी से उछाल आया, उतनी ही तेजी से पिछले 2 वर्षों में जीएसटी, शीशम पर प्रतिबंध, रिफ ण्ड समस्या और अब डॉलर के बढ़ते दामों के चलते लगातार गिरता जा रहा है। निर्यातकों की हालत न निगलते बन रही न उगलते। हैण्डीक्राफ्ट उद्योग में काम आने वाले टूल्स, वैक्स, पॉलिश, थिनर सहित अधिकतर रॉ मेटीरियल आयात किए जाते हैं। डॉलर बढऩे से कच्चा माल मंहगा होता जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के भाव बढऩे से लकड़ी, लोहा व ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी बढ़ गई है। इस कारण हैण्डीक्राफ्ट उत्पादों का लागत मूल्य बढ़ रहा है औत निर्यातकों को घाटा हो रहा है।
‘एक डॉलर का मूल्य 74 रुपए तक पहुंच गया है। अमरीकी बायर्स डॉलर के बढ़े हुए मूल्य के बराबर डिस्काउंट मांग रहे हैं। प्रतिस्पद्र्धा के चलते ज्यादातर बायर्स 65 रुपए प्रति डॉलर के हिसाब से अधिक मूल्य नहीं दे रहे।निर्यातकों को बाजार में जमे रहने के लिए नफ ा दांव पर लगाकर ऑर्डर पूरे करने पड़ रहे हैं।
डॉ. भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ‘एसोसिएशन केन्द्र सरकार से मांग कर रही है कि बायर्स से डॉलर नहीं, रुपए के आधार पर सौदा करने की स्वीकृति दी जाए। इससे डॉलर की दरों में उतार-चढ़ाव का निर्यात पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। यही इस समस्या का समाधान है।
महावीर बागरेचा, उपाध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यूं बढ़ता गया डॉलर
तारीख-माह—- एक डॉलर का मूल्य (रुपए में ) 01 अप्रेल 2018 – 65
23 मई 2018 – 68
27 जुन 2018 – 69
15 अगस्त 2018 – 70
30 अगस्त 2018 – 71
7 सितंबर 2018 – 72
11 सितंबर 2018 – 73
04 अक्टूबर 2018 – 74