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झालावाड़

अंगूठे के पेंच में फंस रही राशन सामग्री

सरकारी कामकाज में अव्यवस्था से लोग परेशान

झालावाड़Jan 18, 2019 / 04:14 pm

arun tripathi

rashan

लोग परेशान

सुनेल. सरकार की ओर से सार्वजनिक राशन वितरण प्राणाली में पारदर्शिता लाने व रसद की कालाबाजारी रोकने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन कई लोगों के अंगूठा व अंंगुलियों के निशान पॉस मशीन में फीड डाटा से मेच नहीं खा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं के अलावा कई राशन विक्रेताओं को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुसीबत यह है कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से नियमानुसार राशन विक्रेता अंगूठा निशानी मेल होने पर ही राशन सामग्री देने को मजबूर है तो उपभोक्ता उसका अंगूठा मेल नहीं होने के कारण राशन सामग्री से वंचित हो रहे हैं। तकनीकी व्यवधान के चलते सुनेल में विभिन्न वार्डो में इस तरह की समस्या हो रही है। बुजुर्ग महिला धापूबाई धाकड़, रेखाबाई, संतोष बाई धाकड़, कंचन बाई आदि ने बताया कि कई बार राशन डीलर के यहां जाकर अंगूठ लगाते है लेकिन निशानी नहीं मिलने से राशन नहीं मिल रहा है।
रजिस्टर का विकल्प हो
लोगों का कहना है कि अंगूठा व अंगुली निशानी नहीं मिल रही तो इसमें उपभोक्ताओं व राशन विक्रेताओं का दोष नहीं है। सरकार की ओर से भी नियमानुसार पात्र उपभोक्ताओं को लाभ से वंचित करने की मंशा नहीं है, लेकिन फिर भी उपभोक्ताओं को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है इस तरह के हालात सामने आने पर सम्बंधित उपभोक्ता का राशन कार्ड, आधार नम्बर आदि की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कर राशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना चाहिए इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था के अलावा रजिस्टर का विकल्प भी होना आवश्यक है।
मजदूर व बुजुर्ग वर्ग को अधिक दिक्कत
अधिकांश बुजुर्ग व मजदूरी कार्य करने वाले लोगों के फिंगर प्रिंट मेच नही होने के मामले सामने आ रहे है। कस्बे के एक राशन विक्रेता का कहना है कि महिला मजदूरों की अंगुलियों के निशान मेच होने में काफी दिक्कत आती है दस-दस बार प्रयास करने के बाद भी किसी एक के निशान मेच होते है। इसी तरह दैनिक मजदूरी कार्य करने वाले मजदूरों के निशान मेच होने में भी परेशानी आती है।
— जिन उपभोक्ताओं की फिंगर प्रिंट मेच नहीं होते है उनके लिए रसद विभाग झालावाड़ में एयू का ऑपशन होता है जो नियमानुसार पात्र उपभोक्ताओं को राशन वितरण किया जाता है।
मनीषा तिवारी, जिला रसद अधिकारी झालावाड़
बैंक ने कर लिया अस्पताल परिसर में अतिक्रमण
खानपुर. कस्बे के सीएचसी परिसर में गुपचुप तरीके से भूमि विकास बैंक ने अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण कर लिया है। यही नहीं बैंक भवन का समूचा ड्रेनेज सिस्टम भी अस्पताल परिसर में कर दिया। जबकि इसके समीप अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर होने से गंभीर संक्रमण फैलने का खतरा है। अस्पताल परिसर के किनारे गंदगी और मलबा भरा होने से दुर्गंध रहती है। अस्पताल के समीप क्रय-विक्रय सहकारी समिति ने भूमि विकास बैंक को प्रथम तल पर भवन किराने पर दे रखा है। ऐसे में भूमि विकास बैंक द्वारा करीब 4 फीट आगे तक निर्माण कर टॉयलेट, यूरिन व बाथरूम का ड्रेनेज अस्पताल परिसर में कर दिया। ऐसे में यहां कीचड़ व मलबा भरा हुआ है। चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. धीरेन्द्र गोपाल मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में अतिक्रमण करने के मामले में उपखंड अधिकारी भागीरथराम चौधरी ने मौका-मुआयना कर संबंधित को नोटिस जारी करने के निर्देश प्रदान किए। जबकि उपखंड अधिकारी ने बताया कि भूमि विकास बैंक को नोटिस भेजा जा रहा है। सरपंच ललित राठौर ने बताया कि उपखंड अधिकारी के साथ अस्पताल का मौका-मुआयना किया था। पंचायत की और से नोटिस तैयार कराया जा रहा है।
5 हजार से अधिक बकाया तो कटेगा बिजली कनेक्शन
रटलाई. कस्बे के सहायक अभियंता कार्यालय ने बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारिया कर ली। सहायक अभियंता आर.आर. मीणा ने बताया कि रटलाई उपखंड में जिन उपभोक्ताओं के बिजली के बिल के 5 हजार से अधिक बकाया चल रहे हैं उन्हें तुरन्त बिल जमा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रथम चरण में 50 हजार से अधिक के बकायादार 332 उपभोक्तओं पर करीब 279 लाख की वसूली के लिए अस्थाई रूप से कनेक्शन विच्छेद के नोटिस जारी किए हैं । इन बकायादारों को नोटिस के 15 दिन के अंदर बकाया राशि जमा करनी होगी नहीं तो कनेक्शन काट कर ट्रांसफार्मर उतारने की कार्रवाई की जाएगी।
चरागाह पर कब्जा, नरेगा श्रमिकों से गाली-गलौच
भीमसागर. ग्राम पंचायत मोड़ी भीमसागर के गांव छत्रपुरा की खसरा संख्या 187 के चरागाह पर अतिक्रमण हटाने के लिए सरपंच की अगुवाई में ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी भागीरथराम चौधरी को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि स्थानीय ग्राम पंचायत की खसरा 187 की 56 बीघा जमीन जो की ग्राम छत्रपुरा में चरागाह है, उस पर बाघेर पंचायत के बन्या गांव निवासीयों ने
कब्जा किया है। वहीं जमीन मोड़ी पंचायत के अधीन होने से स्थानीय ग्राम पंचायत ने गत 14 जनवरी से चारगाह पर मस्टरोल शुरू कर कार्य कराया, परन्तु कब्जाधारियों ने श्रमिकों से गाली-गलौच कर कार्य बंद करा दिया।

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