world economic foram की हालिया रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि ये सेवानिवृत्त बुजुर्ग अपने जीवन के अंतिम 10 सालों में खाली हाथ होते हैं। फोरम में संस्थागत निवेशकों के प्रमुख सह-लेखक हान यिक ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर नीति निर्माताओं, नियोक्ताओं और लोगों को ध्यान देने की आवश्यकता है। इसका सीधा सा मतलब है कि वरिष्ठ कर्मचारी देर से सेवानिवृत्त हों, कम खर्च करें और ज्यादा से ज्यादा कमाने का प्रयास करें।
अमरीका में भी हाल बेहाल
फोरम का कहना है कि अमरीका में भी 65 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों के पास उनके पेंशन खाते में बचत के रुपए केवल 9 साल 7 महीने के लिए ही पर्याप्त हैं। यानि इसके बाद अपने खर्चों के लिए बुजुर्ग सरकार एवं परिवार पर निर्भर होंगे। वहीं औसत अमरीकी के पास 8 साल 3 महीने के दौरान ही पेंशन की बचत खत्म हो जाती है। हालांकि इस मामले में महिलाओं की स्थिति अच्छी है। पेंशन राशि खत्म होने का औसत समय उनके लिए करीब 10 साल 9 महीने है।
फोरम के विशेषज्ञों का मानना है कि सेवानिवृत्त बुजुर्गों को अपनी पेंशन का पैसा बचाने के लिए 70 फीसदी ज्यादा कमाने की आवश्यकता है। इसमें सरकारी दूट और राशि शामिल नहीं है। वहीं ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और नीदरलैंड्स जैसे देशो में यह समय सीमा 10 साल है। जबकि इन देशों की महिलाओं के पास 12 से 13 साल तक खर्च उठाने लायक पैसा होता है। इस मामले में जापान ज्यादा पिछड़ा हुआ है। यहां पुरुषों के पास 15 साल और महिलाओं के पास अपनी मृत्यु से 20 साल पहले ही संचित धन समाप्त हो जाता है। ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोर्पोरेशन एंड डवलपमेंट के अनुसार, जापान में महिलाओं की औसत जीवन प्रत्याशा दुनिया में सबसे ज्यादा 87.1 साल है। जबकि पुरुषों की 81 वर्ष।
खरबों में होगी बुजुर्ग बचत राशि
फोरम के अनुसार वर्ष 2050 तक दुनिया भर के बुजुर्गों की सामूहिक सेवानिवृत्ति बचत राशि 27.67 लाख खरब (400 ट्रिलियन डॉलर) होगी। वर्ष 2015 में यह 48 हजार खरब (70 ट्रिलियन डॉलर) था। 2050 तक अमरीका में बुजुर्गों की बचत राशि में कमी दुनिया में सबसे ज्यादा 94 हजार 774 खरब (137 ट्रिलियन डॉलर) होगा। सूची में चीन 82 हजार 3144 खरब (119 ट्रिलियन डॉलर) के साथ दूसरे पायदान पर होगा। भारत यहां तीसरे स्थान पर होगा। देश में बुजुर्गों की बचत राशि में कमी 5 हजार 87 खरब (85 ट्रिलियन डॉलर) होगी। फोरम इस बात का सुझाव दे रहा है कि ज्यादातर देश बुजुर्गों को सेवानिवृत्ति योजनाओं के तहत ज्यादा से ज्यादा कवर करें।