राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने दो दिन पूर्व फोन टैपिंग से जुड़े प्रकरण को लेकर जो गंभीर आरोप लगाए हैं। उससे प्रमाणित हो रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने तत्समय उच्च पदस्थ आइएएस-आइपीएस अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर संविधान प्रदत्त अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर कानून की धज्जियां उड़ाई और सरकारी एजेंसियों पर दबाव बनाकर अवैधानिक ढंग से जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करवाए। पूर्व ओएसडी द्वारा मानेसर गए कांग्रेस सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट सहित उनके करीब 19 सहयोगी विधायकों के फोन टैप करवाए जाने का प्रमाण देना और स्वीकार करना अत्यन्त गंभीर प्रकरण है।
सोशल मीडिया पर भी किया ट्वीट
राठौड़ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि “आज राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल जी को पत्र लिखकर वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के समय हुए फोन टैपिंग प्रकरण में तत्कालीन उच्च पदस्थ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करवाकर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।”राठौड़ ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार एवं संवैधानिक पद पर रहते हुए अशोक गहलोत द्वारा न केवल गैर कानूनी तरीके से फोन टैप करवाए गए, बल्कि पुलिस प्रशासन की पूरी मशीनरी का भी दुरुपयोग किया गया।
अवैध फोन टैप के इस षड्यंत्र में उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी शामिल थे, जो आज भी उच्च पदों पर पदस्थापित है। इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा निष्पक्ष जांच करवाकर इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की दरकार है।