गहलोत ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी और गुजरात के ज्यादातर लोग जानते हैं कि गुजरात में पड़ोसी राज्यों से शराब तस्करी हो रही है। इसके लिए वे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों के साथ समन्वय करें। इतना ही नहीं उन्हें पड़ोसी राज्यों के साथ एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने के लिए अनुरोध करना चाहिए, जिससे शराब तस्करी रोकी जा सके।
गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब में ड्रग्स की तस्करी रोकने को लेकर वह प्रयास कर रहे हैं। लेकिन गुजरात सरकार और रूपाणी ने कभी इस बारे में बात नहीं की और ना ही पड़ोसी राज्यों से सहयोग मांगा, जिससे कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध सख्ती से लागू हो।
पहले तीन दिन में ये आ चुके बयान रविवार : राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि शराबबंदी के बावजूद गुजरात में घर-घर में शराब मिलती है।
सोमवार : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि गहलोत 6.5 करोड़ गुजरातियों का अपमान कर रहे हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
मंगलवार : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि गुजरात में शराब आसानी से नहीं मिलती यह मुख्यमंत्री रूपानी सिद्ध कर दें तो वे राजनीति छोड़ देंगे। या फिर वहां शराब आसानी से मिलने की बात सिद्ध हो जाए तो उन्हें सियासत छोड़ देनी चाहिए। फिर रूपाणी ने कहा था कि राजस्थान की बहनें शराबबंदी लागू करने की मांग कर रही हैं, गहलोत में हिम्मत है तो शराबबंदी लागू करें।