किसी ने नहीं दिखाई रूचि
पर्यटन विभाग के आॅफर व करीब ढाई साल पहले विदेशी सैलानियों के लिए शुरू किए गए इस प्रोग्राम में किसी भी सैलानी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके प्रचार प्रसार के लिए पर्यटन विभाग और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) ने देश-विदेश में लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। ट्रेन प्रशासन की मानें तो इस पर्यटन सीजन में भी ऐसे किसी जोड़े की बुकिंग अब तक नहीं हुई है।
सब गलत रणनीति बनाने की वजह से हुआ
घाटा कम करने और यात्रियों के लिए कुछ नया करने के उद्देश्य से निगम की ओर से इसकी शुरुआत की गई थी, लेकिन जो पैसा इसके प्रचार प्रसार में खर्च किया गया, वो भी बेकार ही गया। निगम सूत्रों की मानें तो यह सब गलत रणनीति बनाने की वजह से हुआ है।
जोड़े कुछ दिन पहले ही बुकिंग करवाने आते हैं कंसल्टेंट जनरल प्रदीप बोहरा कहते हैं कि प्रत्येक पर्यटन सीजन में दो से चार ऐसी बुकिंग आती हैं जो शाही ट्रेन में शादी करना चाहते हैं, लेकिन उनको हम यह सुविधा नहीं दे पाते। वे बताते हैं कि पर्यटकों की बुकिंग ट्रेन में पांच से छह माह पहले ही शुरू हो जाती है और जोड़े कुछ दिन पहले ही बुकिंग करवाने आते हैं। ऐसे में दिक्कत हो जाती है।
जानकारों की मानें तो सात दिन के पैकेज में युगल की शादी से लेकर उसके घूमने तक का प्रोग्राम बनाया गया था। शादी के बाद विदेशी पर्यटक राजस्थान के बेहतरीन मॉन्यूमेंट्स के साथ आगरा जाकर ताजमहल भी इसी पैकेज में देख सकते थे, लेकिन बुकिंग की सही व्यवस्था न होने से यह योजना पूरी तरह से विफल हो गई।