चिकित्सा विभाग चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। सूत्रों की माने तो इस समय प्रदेश में 2 से तीन हजार चिकित्सकों की कमी चल रही है। वहीं सरकार को जनता क्लिनिक के लिए कम से कम एक चिकित्सक चाहिए। अगर पूरे प्रदेश में 3 हजार जनता क्लिनिक खोले जाते हैं तो उनके लिए 3 हजार चिकित्सक चाहिए, ऐसे में स्टाफ की कमी से कहीं जनता क्लिनिक का ख्वाब ख्वाब ही न बनकर रह जाए।
हालांकि चिकित्सा विभाग ने दो हजार पदों पर भर्ती का प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजा है, लेकिन इसके बावजूद भी स्टाफ का टोटा बना रहेगा। हालांकि कहा जा रहा है कि अगर स्टाफ की कमी पड़ती है तो सरकार संविदा के आधार पर चिकित्सकों की नियुक्तियां कर उन्हें जनता क्लिनिक में लगा सकती है।
वहीं दूसरी ओर जयपुर शहर की बात करें तो यहां अब तक जनता क्लिनिक के लिए 80 स्थानों का चयन किया गया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि पहले से स्टाफ की कमी से जूझ रहा चिकित्सा विभाग मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जनता क्लिनिक को कैसे पूरा करेगा और जनता को राहत प्रदान कर पाएगा ।