बैठक में राहुल गांधी ने कार्यसमिति को चुनावी भूमिका के साथ साथ ज्यादा से ज्यादा यूथ को साथ जोड़ने पर जोर दिया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अविनाश पांडे और सचिन पायलट भी साथ मौजूद रहे। होटल क्लार्क आमेर के बाहर टिकिटार्थियों का जमावड़ा भी लगा रहा। हाथ में बायोडाटा लिए कार्यकर्ता खड़े रहे। टिकटार्थी राहुल गांधी को बायोडेटा थमाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें वहां रुकने ही नहीं दिया।
39 जिलाध्यक्षों से कल करेंगे संवाद
ढाई माह बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा फोकस राजस्थान पर है। यही वजह है कि राहुल प्रदेश के तूफानी दौरे कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। इसके लिए राहुल पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं से सीधे बात कर रहे हैं।
ढाई माह बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा फोकस राजस्थान पर है। यही वजह है कि राहुल प्रदेश के तूफानी दौरे कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। इसके लिए राहुल पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं से सीधे बात कर रहे हैं।
हाल ही में ब्लॉक अध्यक्षों से टेलीफोन पर बात करने के बाद राहुल कल प्रदेश कांग्रेस के सभी 39 जिलाध्यक्षों से फोन पर बात करेंगे। राहुल गुरुवार सुबह 10 से 11 बजे तक सभी जिलाध्यक्षों से संवाद करेंगे।
राहुल की जिलाध्यक्षों से ये वार्ता गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित राहुल गांधी वॉर रूम से होगी। राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और संगठन महामंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहेंगे। वार्ता के लिए सभी जिलाध्यक्षों को प्रदेश कांग्रेस की ओर से सूचित किया गया है।
आपस में कनेक्ट रहेंगे जिलाध्यक्ष
सूत्रों के अनुसार सभी जिलाध्यक्षों के मोबाइल फोन को कॉन्फ्रेंस पर लिया जाएगा, जिससे सभी जिलाध्यक्ष एक-दूसरे की बात भी सुनेंगे। बताया जाता है कि राहुल सभी जिलाध्यक्षों से उनके कामकाज और विधानसभा चुनाव में स्थानीय दावेदारों का फीडबैक भी लेंगे। साथ ही उनके जिलों में सत्ताधारी दल के प्रति लोगों का क्या रुझान है, ये भी जानेंगे।
सूत्रों के अनुसार सभी जिलाध्यक्षों के मोबाइल फोन को कॉन्फ्रेंस पर लिया जाएगा, जिससे सभी जिलाध्यक्ष एक-दूसरे की बात भी सुनेंगे। बताया जाता है कि राहुल सभी जिलाध्यक्षों से उनके कामकाज और विधानसभा चुनाव में स्थानीय दावेदारों का फीडबैक भी लेंगे। साथ ही उनके जिलों में सत्ताधारी दल के प्रति लोगों का क्या रुझान है, ये भी जानेंगे।
वहीं राहुल से संवाद के दौरान जिलाध्यक्षों की नाराजगी भी बाहर आ सकती है, क्योंकि कई जिलाध्यक्ष सार्वजनिक मंचों से वरिष्ठ नेताओं द्वारा सहयोग नहीं करने की बात कर चुके हैं।