दरअसल, राजस्थान में दूसरे चरण की कई सीटों पर अपनों की नाराजगी का सामना करते आ रहे कांग्रेस प्रत्याशियों को अब चुनाव में भितरघात का डर सता रहा है। दूसरे चरण की जोधपुर, कोटा, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, जैसलमेर-बाड़मेर जैसी लोकसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं के असहयोग और भितरघात की शिकायतें प्रदेश कांग्रेस तक पहुंची थी, जिसके बाद प्रदेश नेतृत्व की ओर से ऐसे कार्यकर्ताओं नेताओं पर नजर रखने के निर्देश भी जिला इकाइयों के अध्यक्षों और प्रभारियों को दिए गए थे। शिकायतों के बाद शुक्रवार रात दो नेताओं पर कार्रवाई की गई है।
इन सीटों पर शिकायतें ज्यादा
जैसलमेर-बाड़मेर में तो कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर जिला कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही दो धड़ों में बंटे हुए हैं। रालोपा से कांग्रेस में आए उम्मेदाराम बेनीवाल को लेकर पूर्व मंत्री अमीन खां खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वहीं, पार्टी के अन्य नेता भी अंदरखाने नाराज हैं। डूंगरपुर-बांसवाड़ा में भी गठबंधन प्रत्याशी राजकुमार रोत को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के असहयोग का सामना करना पड़ा है। कार्यकर्ताओं और नेताओं के अंदरखाने कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर के लिए काम करने की शिकायतें पीसीसी तक पहुंची थीं। वहीं कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को भितरघात का डर सता रहा है। पार्टी के एक धड़े ने उनसे दूरी बना रखी थीं। भाजपा से कांग्रेस में आए गुंजल को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर यहां भी जिला इकाई दो धड़ों में बंटी हुई थीं। जोधपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियाड़ा को भी भितरघात का डर सता रहा है।
दो नेताओं पर कार्रवाई
इधर, बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण के मतदान के बाद भितरघात की शिकायतों को लेकर पूर्व मंत्री अमीन खां और जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष की शिकायत पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव बालेंदु सिंह शेखावत को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
पहले चरण में नागौर में भी शिकायतें
वहीं नागौर से गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी नेताओं के भितरघात की शिकायतें की थी, जिस पर कई नेताओं को पार्टी से निष्कासित भी किया था।