इस दौरान शाह की तरफ से यहां पार्टी के लिए नया टारगेट रखा है। अब बीजेपी एक बार फिर सदस्यता अभियान चलाएगी और 11 करोड़ कार्यकर्ताओं की संख्या को और भी बढ़ाएगी। बैठक में अमित शाह ने कहा कि अभी पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं हुआ है, जब तक पार्टी का विस्तार उन क्षेत्रों में नहीं हो जाता जहां पर अभी जनाधार काफी कम है। तब तक मिशन जारी रहेगा। बैठक में पार्टी में विभिन्न पदों को भरने के लिए नए नेताओं का चुनाव करने की उम्मीद जताई गई। बीजेपी हमेशा एक व्यक्ति एक पद की नीति पर चलती रही है। ऐसे में अब सवाल है कि क्या अमित शाह पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे या फिर दोनों पदों को साथ रखेंगे।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव की वजह से पिछले साल सितंबर 2018 में होने वाले पार्टी के चुनाव टाल दिए गए थे। अब सत्ता में आने के बाद बीजेपी अपने विस्तार की ओर कदम बढ़ा रही है…इसके लिए अमित शाह ने अलग से 18 जून को महासचिवों की बैठक बुलाई है। जिसमें सभी महासचिवों को सदस्यता अभियान की ज़िम्मेदारी दी जाएगी, साथ ही अगली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तारीख और स्थान तय किया जाएगा।
बैठक में पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई है। इससे पहले 9 जून को अमित शाह ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी।