scriptordnance factory strike : आयुध निर्माणियों में हड़ताल का रेकॉर्ड टूटा | strike, ordnance factory, jabalpur, ofb, defence production, army | Patrika News
जबलपुर

ordnance factory strike : आयुध निर्माणियों में हड़ताल का रेकॉर्ड टूटा

अब तक तीन दिन की रही हड़ताल, आत्महत्या करने वाले कर्मचारी को दी श्रद्धांजलि, आज सडक़ों पर उतरेंगे कर्मचारी

जबलपुरAug 24, 2019 / 12:39 pm

gyani rajak

ordnance factory strike

आयुध निर्माणियों में हड़ताल का रेकॉर्ड टूट गया। अभी तक अधिकतम तीन दिन की हड़ताल होती थी। लेकिन, शुक्रवार को निगमीकरण के खिलाफ चौथे दिन भी कर्मचारियों ने काम नहीं किया। इससे ओएफके, जीसीएफ, जीआईएफ और वीएफजे में सेना के लिए रक्षा सामग्री का उत्पादन ठप रहा। शनिवार को पांचवें दिन हड़ताल शुरू हुई।

 

जबलपुर. आयुध निर्माणियों में हड़ताल का रेकॉर्ड टूट गया। अभी तक अधिकतम तीन दिन की हड़ताल होती थी। लेकिन, शुक्रवार को निगमीकरण के खिलाफ चौथे दिन भी कर्मचारियों ने काम नहीं किया। इससे ओएफके, जीसीएफ, जीआईएफ और वीएफजे में सेना के लिए रक्षा सामग्री का उत्पादन ठप रहा। शनिवार को पांचवें दिन हड़ताल शुरू हुई। सुबह के समय ओएफके में अधिकारियों को इन्स्पेक्शन बंगला में कर्मचारियों ने रोक दिया। वहीं गेट पर कर्मचारी अर्धनग्न होकर सरकार की नीति का विरोध करते नजर आए। पुणे की आयुध निर्माणी में एक कर्मचारी अनिल कड के द्वारा सरकार की नीति से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली। सभी निर्माणियों में उन्हें कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी।

हड़ताल के खिलाफ कर्मचारी संगठन एवं एसोसिएशन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। जीआईएफ में कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया, तो ओएफके में एक नम्बर गेट पर जन्माष्टमी मनाकर सरकार को सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की गई। सरकार शहर की चार सहित देशभर की 41 आयुध निर्माणियों का निगमीकरण करना चाहती है। आयुध निर्माणी बोर्ड को निगम बनाकर संचालन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कर्मचारी और गु्रप बी के अधिकतर अधिकारी तक 20 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इसका असर देश की तीनों सेनाओं के लिए बनाए जा रहे हथियारों के उत्पादन पर पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि अकेले जबलपुर में 30 से 50 करोड़ का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

दिनभर चला प्रदर्शन

ओएफके में शुक्रवार को कर्मचारियों ने गेट नम्बर एक पर जन्माष्टमी मनाई। उन्होंने सरकार को निगमीकरण की नीति रद्द करने के लिए सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। कर्मचारियों का कहना था कि यह नीति कर्मचारियों के हित में नहीं है। जीसीएफ और वीएफजे में भी कर्मचारी संगठन एवं एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने दिनभर प्रदर्शन किया।

सडक़ों पर उतरेंगे हड़ताली कर्मचारी

आयुध निर्माणियों के आसपास हड़ताल के बाद अब कर्मचारी सडक़ों पर उतरेंगे। यह निर्णय चारों निर्माणियों के कर्मचारी संघ एवं एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लिया। यूनियन के नेता नरेंद्र तिवारी, अरुण दुबे, नेम सिंह, जयमूर्ति मिश्रा, आनंद शर्मा, मिठाईलाल, रामप्रवेश सिंह और सिद्धार्थ तोमर सहित अन्य ने बैठक में मप्र डिफेंस काउंसिल के अध्यक्ष आलोक मिश्रा को आयुध निर्माणी बचाओ संघर्ष समिति का संयोजक बनाया गया।
इस बीच कर्मचारी अब सडक़ों पर उतरकर निर्माणियों के निगमीकरण के नुकसान को बताएंगे। शनिवार को शाम चार बजे सुरक्षा संस्थानों के कर्मचारी सतपुला से कांचघर की तरफ कूच करेंगे। वे रिटायर एवं कार्यरत कर्मचारी एवं उनके परिजनों से जनसम्पर्क करेंगे। अलग-अलग दिनों में इसी तरह जनसम्पर्क अभियान में कर्मचारी जुटेंगे। इसके बाद रेलवे, बीएसएनएल और डाक सहित अन्य विभागों के कर्मचारी संगठनों से भी आंदोलन मे सहयोग की बात की जाएगी। रेलवे कर्मचारी संगठन और ऑल इंडिया टे्रड यूनियन कांगे्रस एटक ने तो समर्थन भी दिया है।

Home / Jabalpur / ordnance factory strike : आयुध निर्माणियों में हड़ताल का रेकॉर्ड टूटा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो