बैंडविड्थ कम, कनेक्शन ज्यादा
सूत्रों के अनुसार शहर के कई हिस्सों में मोबाइल कंपनियों की बैंडविड्थ 500 से 1500 कनेक्शन की है। लेकिन, कंपनियों ने निर्धारित बैंडविड्थ से 1000 से 2000 कनेक्शन चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कंपनियों ने बीटीएस बेहद कम लगाए हैं। जो लगे भी हैं तो वह लम्बी दूरी पर हैं। ऐसे में न तो सिग्नल प्रॉपर रिसीव हो पाते हैं न नेटवर्क मिलता है। इससे शहर छोड़ते ही नेटवर्क गायब हो जाता है।
अब सख्ती की तैयारी
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए कंपनियों पर पहले भी जुर्माना लगाने का निर्णय लिया, लेकिन कंपनियों ने कॉल ड्राप की निश्चित परिभाषा तय न होने को लेकर निर्णय के विरोध में उतर आई। अब ट्राई ने स्पष्ट किया है कि बातचीत के दौरान फोन कटने को ही कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा, बल्कि बात करने के दौरान आवाज सुनाई न देना, अटक-अटक कर आवाज सुनाई देने को भी कॉल ड्रॉप में माना जाएगा।
कहां कितने कनेक्शन
3.5 लाख उपभोक्ता जियो
2.5 लाख उपभोक्ता आइडिया
02 लाख उपभोक्ता बीएसएनएल
1.75 लाख उपभोक्ता एयरटेल
1.25 लाख रिलांयस बंद हो चुके
01 लाख उपभोक्ता वोडाफोन
01 लाख नॉन एक्टिव उपभोक्ता शहर में इस फ्रीक्वेंसी पर नेटवर्क
टूजी सर्विस – 900 मेगाहट्र्ज
थ्री जी सर्विस- 2100 मेगाहट्र्ज
फोर जी सर्विस- 2400 मेगाहट्र्ज
कुल बीटीएस 1265
बीएसएनएल 435
जियो 300
एयरटेल 200
आइडिया 180
वोडा फोन 150 कॉल ड्रॉप की वजह
नेटवर्क दुरुस्त न होना
टावर के बीच अपार्टमेंट आना
मोबेलिटी में उपभोक्ता के जाने पर
चैनल खाली न होने पर
बैंडविड्थ पर्याप्त न होना
टावर की पर्याप्त संख्या न होना
ग्रामीण क्षेत्र में बीटीएस दूर होना
कंपनियों के पास फ्रीक्वेंसी
बीएसएनएल के पास दो फ्रीक्वेंसी स्लॉट
जियो के पास फोर जी फ्रीक्वेंसी स्लॉट
आईडिया के पास तीन फ्रीक्वेसी स्लॉट
एयरटेल के पास चार फ्रीक्वेंसी स्लॉट ट्राई के इस निर्णय से मोबाइल कंपनियों को नेटवर्क दुरुस्त करना पड़ेगा। इससे उपभोक्ताओं को अच्छी सेवा मिलेगी। बीएसएनएल में कॉल ड्राप का रेशो एक फीसदी से भी कम है। मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त किया है, बीटीएस बढाए हैं।
– राजेश सोनी, महाप्रबंधक, बीएसएनएल
– रश्मि चौबे, उपभोक्ता
– विवेक चतुर्वेदी, उपभोक्ता