चोरी हुई थी अष्टधातु की प्रतिमा
बताया गया है कि स्थानीय लोगों ने रविवार सुबह ही मंदिर के गर्भगृह से अष्टधातु की मूर्ति गायब होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। गांव के राजकुमार जैन सोमवार सुबह मंदिर खोलने पहुंचे तो गेट के पास थैला मिला, जिसमें मूर्ति थी। वह इस मूर्ति को सिर पर रखकर खुशी-खुशी समाज के लोगों तक पहुंच गए। उनके हाथ में एक पत्र भी था। जिसे पढकऱ लोग अचंभित रह गए। मूर्ति मिलने की जानकारी मिलने पर एसडीओपी पीएस बालरे पुलिस डॉग स्क्वॉड के साथ मौके पर पहुंचे। नौ इंच ऊंची अष्टधातु की मूर्ति, जिस पर जिनालय का नाम अंकित है, जब मंदिर ट्रस्टी से पूछा गया, यह मूर्ति वही है तो इसकी उन्होंने पुष्टि भी की है।
मुझे माफ कर देना
मूर्ति के साथ मिले पत्र में लिखा था, मुझे माफ कर दीजिए मैं मूर्ख बन गया हूं। एक तांत्रिक ने मुझसे कहा था, जैन धर्म की मूर्ति से ही खजाना निकाल सकता है। एक दिन के लिए कई जगह मूर्ति मांगी, लेकिन कोई देने तैयार नहीं हुआ, इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा। वह तांत्रिक 2100 रुपए और मूर्ति ले जाना चाहता था। खजाने के लालच में रात भर जागता रहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जैसे ही सोने लगा तो तांत्रिक मूर्ति लेकर भागने लगा, जिसे पकडऩे दौड़ा तो वह मूर्ति छोडकऱ भाग गया। मैंने सोचा था, सोने का खजाना मिल जाने के बाद कुछ जेवर और मूर्ति रख दूंगा, लेकिन कुछ नहीं मिला। गलती हो गई हो तो माफ कर देना।
गांव के बाहर घूमता रहा डॉग
पुलिस डॉग को थैले को सूंघने के बाद मंदिर के पीछे वाले हिस्से से घूमता हुआ टेलीफोन टॉवर तक गया और दूसरी बार सुंघाने पर वह मंदिर के सामने से स्कूल तक गया। पुलिस का कहना है, वो यह मूर्ति किसी वाहन से लेकर आया होगा। जल्द ही चोर का पता लगा लिया जाएगा।