जीपीएस सिस्टम के साथ होगी रात में रेलवे ट्रेक की निगरानी
इटारसीPublished: Dec 07, 2018 12:59:31 pm
-दो किमी के सेक्शन में दो लोगांे की टीम करेगी रेलवे ट्रेक की जांच-ठंड में पटरियां क्रेक होने की घटनाओं को लेकर विभाग सतर्क
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होशंगाबाद. ठंड तेज होने के साथ ही रेल पटरियां क्रेक होने का खतरा बढ़ जाता है। इस खतरे को देखते हुए रेल विभाग ने ट्रेनों में सफर करने वाली हजारों जिंदगियों की सुरक्षा के लिए पटरियों की निगरानी बढ़ा दी है। इटारसी से भोपाल तक के सेक्शन में पटरियों की जांच का काम रात में पूरी गंभीरता से किया जाएगा। इस टीम को जीपीएस सिस्टम से लैस किया गया है जो कोई भी गड़बड़ी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करेगी।
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यह है खतरा
तापमान गिरने के साथ ही रेलवे ट्रेक की प्रकृति में बदलाव आने का खतरा खड़ा हो गया है। ज्यादा तेज ठंड पडऩे से रेलवे की पटरियांे में तापमान की गिरावट से संकुचन होता है जिसके कारण पटरियां क्रेक होना शुरू हो जाती हैं। वहीं गर्मी मेंतापमान बढऩे से फैलाव के कारण भी रेल पटरियां क्रेक होती हैं। पटरियों में होने वाला यह बदलाव तेज रफ्तार गुजरने वाली ट्रेन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस बदलाव के कारण ही रेलवे के पीडब्ल्यूआई विभाग ने अपनी कवायद चालू कर दी है।
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९० किमी का है सेक्शन
इटारसी से भोपाल तक करीब ९० किमी का सेक्शन है। इस सेक्शन में बिछी पटरियों की निगरानी के लिए रेलवे ने अपना होमवर्क कर लिया है। इस पूरे सेक्शन में दो सैंकड़ा से ज्यादा रेलकर्मियों को रात में गश्त कर पटरियों की जांच के काम में लगाया है। यह सभी कर्मचारी २ किमी के सेक्शन में २ सदस्यों की टीम में तीन राउंड लगाकर पटरियों की जांच करेंगे। इटारसी सेक्शन में करीब ४६ रेलकर्मियों की रात्रिकालीन गश्त में ड्यूटी लगाई गई है। वहीं होशंगाबाद के सेक्शन में भी करीब आधा सैंकड़ा से ज्यादा रेलकर्मियों को रात में पटरियों की जांच में लगाया जा रहा है। नाइट पेट्रोलिंग का यह काम भोपाल तक शुरू हो गया है।
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जीपीएस व सेफ्टी जैकेट से पेट्रोलिंग
इटारसी से भोपाल के बीच सेक्शन में पटरियों की रात में जांच करने के लिए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी उन्हें सुरक्षा संसाधनों से लैस किया गया है। इन कर्मचारियों को रेलवे ने बड़ी गड़बड़ी मिलने की स्थिति में अधिकारियों से संपर्क करने के लिए जीपीएस सिस्टम दिया है। वे इससे तत्काल ही मौके से वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर सकेंगे। इसके अलावा टीम सदस्यों को टॉर्च, जूते, सेफ्टी जैकेट, मोबाइल सिम सहित अन्य उपकरण दिए गए हैं। टीम में शामिल रेलकर्मियों को पटरियों की जांच में कोई भी कोताही नहीं बरतने के लिए कड़ी हिदायत दी जा चुकी है।
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एक नजर मंे सेक्शन
क्षेत्र- इटारसी से भोपाल
कुल लंबाई- करीब ९० किमी
सेक्शनों की संख्या-०४ से ०५
नाइट पेट्रोल कर्मचारी- करीब २००
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किसने क्या कहा….
ठंड मंे पटरियां क्रेक होने का खतरा बढ़ जाता है। पटरियों की निगरानी के लिए नाइट पेट्रोङ्क्षलग शुरू हो गई है। सभी कर्मचारियों को पूरे उपकरण दिए जा चुके हैं ताकि किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में वे वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर सकें।
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ओपी सराठे, पीडब्ल्यूआई इटारसी
पूरे सेक्शन में रेलवे ट्रेक की जांच के लिए ड्राइव करा दी गई है। अब कर्मचारियों को सेक्शन में पटरियों की निगरानी के लिए रात में लगाया जा रहा है। उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से पूरे संसाधन दिए गए हैं।
-आईए सिद्दकी, जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मंडल